Legal general knowledge and law study notes
जब किसी व्यक्ति को समन, नोटिस, सूचना भेजी जाती हैं और वह उससे बचने के लिए फरार हो जाता है तब उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 172 के अंतर्गत कार्यवाही होगी। अगर किसी व्यक्ति को प्रशासनिक विभाग या न्यायालय द्वारा भेजे गए नोटिस, समन ,आदेश को किसी सार्वजनिक स्थान पर चिपका दिया जाए या कोई उद्दघोषणा को सार्वजनिक स्थान पर लगा दिया जाए या कोई भी शासकीय प्रकाशन को सार्वजनिक स्थान पर लगा दिया जाता है और कोई भी व्यक्ति उस बोर्ड को हटा देता है, फाड़ देता है तब उसके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी जानिए।
भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 173 की परिभाषा
अगर कोई व्यक्ति किसी सूचना, नोटिस, समन,आदेश,उद्दघोषणा या किसी शासकीय प्रकाशन को सार्वजनिक स्थान से हटाएगा, मिटायागा, फाड़ देगा तब वह व्यक्ति उक्त धारा के अंतर्गत दोषी होगा, अथवा उसे छुपा देगा। किसी भी प्रकार से उस सूचना अथवा जानकारी को, जनता तक पहुंचने से रोक देगा, तो ऐसा व्यक्ति आईपीसी की धारा 174 के तहत दोषी माना जाएगा। उसके खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज किया जाएगा।
Indian Penal Code, 1860 section 173 punishment
यह अपराध असंज्ञेय एवं ज़मानतीय होते है। यानी पुलिस प्रकरण दर्ज करेगी, लेकिन पुलिस थाने में जमानत नहीं मिल पाएगी। सक्षम न्यायाधीश द्वारा ही जमानत मंजूर की जा सकती है। जमानत नामंजूर होने पर पुलिस गिरफ्तार कर लेगी। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। इस अपराध के लिए अधिकतम तीन महीने की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है, लेकिन न्यायालय के समन या सूचना, उद्दघोषणा, प्रकाशन को हटाने के लिए छ: माह की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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