Legal general knowledge and law study notes
भारत के हर जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है कि वह जरूरी सूचना जो अपराध से घटित हो उसे तत्काल किसी मजिस्ट्रेट, पुलिस या अन्य प्रशासनिक अधिकारी को तुरंत दे जैसे कि दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 40 की उपधारा 01 में बताया गया है कि किसी भूमि का स्वामी आपनी भूमि पर घटित होने वाले अपराध की सूचना तुरंत निकटतम मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी को देगा, कह सकते है की जो व्यक्ति किसी अपराध घटित होने की सूचना या जानकारी छुपाता है तो उसे किस कानून के अंतर्गत दोषी ठहराया जाएगा जानिए।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 176 की परिभाषा
कोई भी व्यक्ति जो कानूनी रूप से किसी लोक सेवक को कोई सूचना, जानकारी देने के लिए बाध्य हैं और वह लोक सेवक को सूचना, जानकारी नहीं देता है वह उक्त धारा के अंतर्गत दोषी होगा।
Indian Penal Code, 1860 section 176 punishment
यह अपराध असंज्ञेय एवं ज़मानतीय होते है। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है दंड का प्रावधान निम्न प्रकार है:
1. किसी भी प्रशासनिक अधिकारी से जरूरी सूचना, जानकारी छिपाने के लिए अधिकतम एक मास की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
2. पुलिस या मजिस्ट्रेट से किसी गंभीर अपराध की जानकारी या आवश्यक जानकारी को जानबूझकर छुपाने के लिए अधिकतम छ: माह की कारावास या एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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