Madhya Pradesh legal general knowledge and law study notes
आज की धारा मध्यप्रदेश की आम जनता को जानना अति-आवश्यक है, क्योंकि बहुत से व्यक्ति जानकारी के अभाव में जमीनों का क्रय-विक्रय करते रहते हैं एवं इसके बाद वह ऐसे चक्र में उलझकर रह जाते हैं जिसका तोड़ वकीलों के अलावा किसी के पास नहीं होता है। इसलिए भूमि की खरीदी से पहले इस जानकारी को आवश्यक रूप से पढ़ ले।
मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता,1959 की उपधारा 07 की परिभाषा
- कोई भी व्यक्ति ऐसी भूमि को नहीं खरीदेगा जिसकी कुर्की के आदेश न्यायालय द्वारा निष्पादित हो गए हैं।
- आदिवासी की ऐसी भूमि जो विवाद के रूप में है या उसकी कुर्की होने वाली है।
- ऐसी भूमि जिसकी देख रेख के लिए न्यायालय द्वारा रिसीवर नियुक्त किया गया हो।
- ऐसी भूमि जो मध्यप्रदेश भूदान यज्ञ अधिनियम,1968 के अंतर्गत मिली हो कलेक्टर की अनुमति के बिना नामांतरण नहीं होगी।
- ऐसी कोई भूमि जो पट्टे पर सरकार द्वारा किसी व्यक्ति को निवास, कृषि आदि के लिए दी गई हो उसे बिना कलेक्टर की आज्ञा से नामांतरण नहीं किया जा सकता है।
- ऐसी कोई भूमि जो सरकारी बैंकों में उधार के लिए गिरवी रखी गई है उस भूमि का नामांतरण नहीं किया जा सकता है। लेकिन वसूली उपरांत उसका विक्रय किया जा सकता है।
Madhya Pradesh Land Revenue Code, 1959, Sub-section 07
उपर्युक्त नियमों के उल्लंघन पर किया गया नामांतरण शून्य या अवैध माना जाता है। अतः यह जरूरी है कि किसी भी जमीन, खेत अथवा प्लॉट को खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि वह उपरोक्त से मुक्त है। ✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। ✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।