पुनर्वास के लिए दी गई भूमि का कभी नामांतरण नहीं किया जा सकता है जानिए - legal advice

Madhya Pradesh legal general knowledge and law study notes

किसी प्रवासी व्यक्ति को केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा पुनर्वास के लिए कोई भूमि दी गई है या 1 अप्रैल 1957 के अंतर्गत सरकारी स्कीम द्वारा या उसके पश्चात मध्यप्रदेश में किसी व्यक्ति को पुनर्वासित किया गया हो ऐसी भूमि को बिना प्राधिकारी की अनुमति के नामांतरण नहीं किया जा सकता है जानिए।

मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता,1959 की धारा 9(क) की परिभाषा

किसी प्रवासी व्यक्ति को या अन्य देश के व्यक्ति को भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा कोई भूमि रहने के लिए दी है वह व्यक्ति अपनी भूमि का नामांतरण नहीं कर सकता है। अगर उसे अपनी भूमि नामांतरण करना है तो इसके लिए संबंधित अधिकारी से अनुमति लेनी होगी क्योंकि प्रवासी व्यक्ति की भूमि राज्य की भूमि होती है और इस पर हमेशा राज्य सरकार का अधिकार रहता है।

मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता कब लागू हुई 

इसका पूरा नाम मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 है और जैसा कि नाम से स्पष्ट है, मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता सन 1959 में लागू हुई। अंग्रेजी भाषा में इसे madhya pradesh land revenue code 1959 कहते हैं जबकि मध्यप्रदेश में ज्यादातर लोग इसे MP Land Revenue Code, 1959 के नाम से पुकारते हैं। इसमें कई बार संशोधन हुए हैं ताजा संशोधन सन 2023 में हुआ। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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