मध्य प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था की तरह उच्च शिक्षा व्यवस्था की हालत भी खराब होती जा रही है। जून के महीने से मध्य प्रदेश में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई थी। सितंबर का महीना समाप्त होने को आ गया। एक के बाद एक सात बार काउंसलिंग करवाई जा चुकी है। इसके बावजूद मध्य प्रदेश के कॉलेज में 3.87 लाख सीटें खाली है।
मध्य प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट कॉलेज में 40% सीटें खाली
मध्य प्रदेश में सरकारी एवं प्राइवेट कॉलेज की संख्या 1361 है। इनमें कुल 9.67 लाख सीटों पर एडमिशन दिए जाते हैं। शनिवार 30 सितंबर एडमिशन की लास्ट डेट थी। काउंसलिंग के सातवें राउंड का एक्स्ट्रा राउंड भी पूरा हो गया। अब तक कुल 5.80 लाख एडमिशन हुए हैं। 3.87 लाख सीटों पर एडमिशन के लिए किसी भी विद्यार्थी ने आवेदन नहीं किया। यह बिल्कुल ऐसा ही है जैसे एक परीक्षा में पास होने के लिए सात बार मौका दिया गया, एक बार बेईमानी से भी मौका दिया गया लेकिन फिर भी पप्पू पास नहीं हो पाया।
मध्य प्रदेश में कक्षा 12 पास करने के बाद ज्यादातर विद्यार्थी किसी दूसरे राज्य में, किसी अच्छी यूनिवर्सिटी और किसी अच्छे कॉलेज की तलाश में चले जाते हैं। मध्य प्रदेश में केवल वही विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं जिनकी किसी न किसी कारण से, कोई ना कोई मजबूरी हो कि वह मध्य प्रदेश छोड़कर बाहर नहीं जा सकते।
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