MP NEWS- धारा 49 के खिलाफ 62 पार पेंशनर्स का भोपाल में जमावड़ा

Bhopal Samachar
इंदौर। मध्यप्रदेश सरकार की सतत उपेक्षा से पेंशनर नाराज है। अब वे अपने हक के लिए हुंकार भरने के लिए 30 सितम्बर को भोपाल पहुंच रहे हैं। अपनी उम्र का गोल्डन पीरियड सरकारी सेवा में खपाने के बाद 62 पार की उम्र याने आखिरी पड़ाव पर भी उन्हें उपेक्षा का दंश झेलना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश के रिटायर्ड कर्मचारी धारा 49 के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।

2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर बनाए गए छत्तीसगढ़ राज्य के बाद पेंशनर की राह में धारा 49 की एक बेड़ी लगा दी गई, जिसमें कहा गया कि दोनों प्रदेशों की सरकारों के रजामंद होने पर ही केन्द्र के समान महंगाई भत्ता दिया जा सकेगा। इस अड़ंगे को हटाने के लिए प्रदेशभर से इकट्‌ठा हुए पेंशनर भोपाल के  विट्‌ठल मार्केट, दशहरा मैदान पर मध्यप्रदेश – छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के आव्हान पर प्रदर्शन कर धरना देंगे। इसके पूर्व रैली भी निकाली जाएगी। 

यह जानकारी सीनियर सिटीजन पेंशनर्स एसोसिएशन के संभागीय अध्यक्ष राजेश जोशी और इंदौर जिला अध्यक्ष दीपक धनोडकर ने दी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार अपने नियमित कर्मचारियों को समय-समय महंगाई भत्ता दे देती है, लेकिन पेंशनरों को धारा 49(6) की आड़ लेकर लंबे समय तक वंचित रखा जाता है। अकसर यह लाभ लंबी अवधि बाद दिया जाता है और पेंशनरों को बाद की तिथि से यह लाभ देकर उनके हक का एरियर हजम कर लिया जाता है। राज्य पुर्नगठन की यह धारा अन्य राज्यों में हटा ली गई है, जबकि मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में 23 साल बाद भी बरकरार है। इतना ही नहीं सरकार पेंशनरों को पूर्व में दी गई सुविधाओं से वंचित करती आ रही है। 

केन्द्र सरकार ने लोगों के इलाज के लिए आयुष्मान योजना शुरू की है, मगर इस योजना का लाभ भी पेंशनरों को नहीं मिल रहा है। एसोसिएशन ने अपने मांग पत्र में यह मांग भी दोहराई है कि उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड राज्य की भांति मध्यप्रदेश में भी आयुष्मान निरामयम स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की जाए।

मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के महासचिव पं. आर.के.शुक्ला ने कहा कि धारा 49(6) दोनों राज्यों के पेंशनरों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है, इसलिए इस धारा को विलोपित कराने के लिए सरकार से मांग की जाएगी। इसके अलावा पेंशनर की विधवा व परित्यक्ता पुत्री को परिवार की पेंशन का लाभ व आयु वृद्धि के साथ समय-समय पर पेंशन वृद्धि की मांग शामिल है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 65 वर्ष की आयु से ही पेंशन वृद्धि का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। राज्य सरकार से मांग की जाएगी कि केन्द्र की तरह हर पांच साल में पेंशन वृद्धि की जाए। पं. शुक्ला ने अपने पेंशनर साथियों से अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा तादाद में भोपाल पहुंचकर अपनी आवाज बुलंद करें।  


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