MP NEWS- छिंदवाड़ा के DEO द्वारा दिव्यांग प्राथमिक शिक्षक का ट्रांसफर हाई कोर्ट ने स्थगित किया

जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाड़ा द्वारा एक दिव्यांग प्राथमिक शिक्षक का नियम विरुद्ध ट्रांसफर किया गया। हाईकोर्ट ने ऐसे स्थानांतरण को प्रशासनिक व्यवस्था नहीं बल्कि प्रशासनिक अत्याचार माना और स्थगित कर दिया। साथ ही आदेश दिया है कि 30 दिन के भीतर प्राथमिक शिक्षक के अभ्यावेदन का निराकरण किया जाए। 

मनोज सबले, प्राथमिक शिक्षक बनाम जिला शिक्षा अधिकारी छिंदवाड़ा

श्री मनोज सबले, प्राथमिक शिक्षक का ट्रांसफर दिनांक 10/08/23 को माध्यमिक विद्यालय, गोंडी वाधोना, जिला छिंदवाड़ा से प्राथमिक विद्यालय, हरदोली, जिला छिंदवाड़ा लगभग 80 किलोमीटर दूर, डीईओ के आदेश से कर दिया गया था। शिक्षक 40% दिव्यांग है। शिक्षक ने अपने ट्रांसफर आर्डर के विरुद्ध अभ्यावेदन प्रस्तुत किया परंतु अभ्यावेदन का निराकरण नहीं किया गया। अंततः शिक्षक ने अपने स्थानांतरण आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देने का फैसला लिया। 

चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी का ट्रांसफर नहीं कर सकते

प्राथमिक शिक्षक श्री मनोज सबले की ओर से अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा, कोर्ट का ध्यान बहस के दौरान ट्रांसफर नीति की ओर आकृष्ट किया गया। ट्रांसफर नीति के अनुसार, निशक्त कर्मचारियों के ट्रांसफर निषिद्ध हैं। एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए, अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी द्वारा यह भी बताया गया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 (Representation of the People Act, 1950 ) के अनुसार 13(सीसी) मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी आदि को चुनाव आयोग में प्रतिनियुक्ति पर माना जाता है। इस भाग में निर्दिष्ट अधिकारी और मतदाता सूची की तैयारी, पुनरीक्षण और सुधार के संबंध में नियोजित कोई अन्य अधिकारी या कर्मचारी, और सभी चुनावों का संचालन उस अवधि के लिए चुनाव आयोग में प्रतिनियुक्ति पर माना जाएगा, जिसके दौरान वे नियोजित हैं और ऐसे अधिकारी और कर्मचारी, उस अवधि के दौरान, चुनाव के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अधीन होंगे।  

अतः चुनाव कार्य में लगे सभी कर्मचारियों को चुनाव आयोग के अधीन डेपुटेशन पर माना जायेगा, प्रशासनिक नियंत्रण आयोग का होगा। चुनाव कार्य में लगे कर्मचारी आयोग की अनुमति के बिना स्थानांतरित नही होंगे। सुनवाई के बाद, कोर्ट ने याचिका का फाइनल निराकरण करते हुए, आदेश दिए हैं कि, ट्रांसफर प्रकरण का निराकरण 30 दिवस के अंदर किया जावे, यदि शिक्षक के स्थान पर कोई स्थानांतरित नही हुआ है तब, निराकरण की अवधि में ट्रांसफर स्टे रहेगा। 

 पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें।  ✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!