Madhya Pradesh news- Right to Information Act
मध्यप्रदेश के दतिया जिले में बिजली विभाग के कनिष्ठ यंत्री राहुल रंजन को राज्य सूचना आयोग द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दोषी घोषित किया गया है। दंड स्वरूप राज्य सूचना आयुक्त श्री राहुल सिंह द्वारा ₹25000 का जुर्माना लगाया गया है। सुनवाई के दौरान पाया गया कि बिजली कंपनी के अधिकारी ने जानबूझकर किसान सही जानकारी छुपाई।
किसान मुकेश रावत ने यह जानकारी मांगी थी
दतिया आरटीआई आवेदक मुकेश रावत ने 2020 में बिजली विभाग इंदरगढ़ दतिया से गांव तिलैथा में उनके खेत में लगे बिजली के कनेक्शन की जानकारी मांगी थी। मुकेश रावत की खेत का बिजली बिल 5 हॉर्स पावर से बढ़ाकर के 8 हॉर्स पावर किया गया और 8 हॉर्स पावर से बढ़ाकर करके 10 हॉर्स पावर किया गया। रावत ने दोनों बार हॉर्स पावर बढ़ाने के आदेश की प्रति मांगी है। साथ उनके खेत पर लगे ट्रांसफार्मर से बिजली लेने वाले ट्यूबवेल वाले किसानों की सूची भी मांगी थी। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत यह जानकारी 30 दिन में मिल जानी थी पर उसे समय विभाग में तैनात कनिष्ठ यंत्री राहुल रंजन ने लापरवाही से काम करते हुए कोई भी जानकारी मुकेश रावत को उपलब्ध नहीं कराई।
कनिष्ठ यंत्री राहुल रंजन ने सूचना आयोग के आदेश का पालन नहीं किया
जानकारी नहीं मिलने पर मुकेश रावत ने बिजली विभाग में प्रथम अपील की और वहां भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो फिर सूचना आयोग भोपाल में उन्होंने द्वितीय अपील दायर की। राहुल रंजन की लापरवाही के बावजूद आयोग ने सदभावना पूर्वक राहुल रंजन के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करते हुए उन्हें एक मौका देकर जानकारी को रावत को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया। आयोग ने 3/1/2022 को आदेश पारित कर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा था। आयोग के आदेश के बाद भी जानकारी नहीं मिलने पर मुकेश रावत ने आयोग के पास धारा 18 के तहत एक शिकायत दर्ज कराई। जिसकी सुनवाई सूचना आयोग में मार्च महीने से चल रही थी। आयोग ने राहुल रंजन को अपनी सफाई प्रस्तुत करने के कई मौके दिए पर वे जानकारी को रोकने का कोई आधार आयोग के समक्ष पेश नहीं कर पाए।
आयोग के आदेश के बाद जानकारी छुपाना अपराध है : सूचना आयुक्त राहुल सिंह
मुकेश रावत की शिकायत प्रकरण की सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने राहुल रंजन के द्वारा की गई लापरवाही पर कड़ी आपत्ति जताई। सिंह ने स्पष्ट किया कि आयोग का आदेश अधिनियम की धारा 19 के तहत अंतिम होता है और संबंधित अधिकारी पर बाध्यकारी भी है। सिंह ने कहा कि सूचना आयोग के आदेश के बाद भी जानकारी नहीं देना बड़ी लापरवाही है। सुनवाई के दौरान राहुल रंजन ने आयोग के समक्ष माफी मांगते हुए कहा कि उनकी लापरवाही को माफ करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई न की जाए। पर सिंह ने कहा कि अगर इस तरह की लापरवाही को नजअंदाज किया जाएगा तो अधिनियम के तहत स्थापित व्यवस्था गलत रूप से प्रभावित होगी और जिस प्रयोजन के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम बना है वह भी अर्थहीन हो जाएगा। सिंह ने साफ़ किया कि पहले भी राहुल रंजन को जानकारी देने के आदेश किए गए थे और उस समय उनके ऊपर कारवाई नहीं की गई लेकिन दोबारा आयोग के आदेश के बावजूद जानकारी नहीं देने पर राहुल रंजन के विरुद्ध कार्रवाई का पूरा आधार बन गया है। राज्य सूचना आयुक्त ने ₹25000 का जुर्माना राहुल रंजन पर लगाकर एक महीने के भीतर उन्हें राशि जमा करने के लिए दिया है।
किसानों के मामलों का निराकरण संवेदनशील तरीके से हो: राज्य सूचना आयोग
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने बिजली विभाग के वर्तमान लोक सूचना अधिकारी इंदरगढ़, दतिया को 5 दिन के भीतर निशुल्क जानकारी दतिया के किसान मुकेश रावत को उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए हैं। राहुल सिंह ने अपने आदेश में यह भी कहा कि किसानों के द्वारा मांगी गई जानकारी का निराकरण लोक सूचना अधिकारियों को संवेदनशील तरीके से करना चाहिए। सिंह ने कहा कि किसान कई जगह सिंचाई के लिए पूरी तरह से बिजली विभाग पर निर्भर है और उनके खेत पर बिजली विभाग से जुड़े विषय उनकी आजीविका को प्रभावित करते हैं ऐसी स्थिति में विद्युत कनेक्शन के बारे मे किसान जानकारी लेने के हकदार हैं।
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