Madhya Pradesh Higher Secondary Teacher Recruitment, High Court news
मध्य प्रदेश शासन के स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट एवं ट्राईबल डिपार्मेंट द्वारा संचालित हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में नियुक्त किए गए उच्च माध्यमिक शिक्षक (वर्ग एक) का रिकॉर्ड हाई कोर्ट द्वारा तलब कर लिया गया है।
डिग्री में सेकंड डिवीजन का विवाद
मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग में हाई स्कूल शिक्षकों के लगभग 10000 से अधिक रिक्त पदों पर अक्टूबर 2021 से अगस्त 2023 तक नियुक्तियां की गई है। उक्त नियुक्तियों में निर्धारित योग्यता संबंधित विषय में सेकंड डिवीजन तथा 2 वर्षीय बीएड अनिवार्य है जबकि NCET द्वारा उक्त पद हेतु संबंधित विषय में 45% तथा 2 वर्ष B.Ed निर्धारित किया गया था। मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग तथा जनजातिया कार्य विभाग ने जुलाई एवं अगस्त 2018 को सेवन नियमों का प्रकाशन किया था। उक्त नियमों की अनुसूची तीन में उच्च माध्यमिक शिक्षक हेतु संबंधित विषय में द्वितीय श्रेणी निर्धारित किया गया है।
याचिकाकर्ता क्रमांक एक श्री अवनीश त्रिपाठी द्वारा जीवाजी विश्वविद्यालय से संबंधित विषय में एमएससी 47.5% प्राप्तांक के साथ उत्तीर्ण की है। अंक सूची में तृतीय श्रेणी दर्ज किया गया है। ठीक इसी प्रकार याचिकाकर्ता क्रमांक 2 श्री अतुल कुमार निगम ने अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय रीवा से पोस्टग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की है। उनके प्राप्तांक 49.5 प्रतिशत है, एवं मार्कशीट में तृतीय श्रेणी लिखा हुआ है। इसके कारण उक्त दोनों उम्मीदवारों को उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद हेतु अयोग्य घोषित कर दिया गया लेकिन मध्य प्रदेश के कई अन्य विश्वविद्यालय द्वारा 45% प्राप्तांक वालों को द्वितीय श्रेणी घोषित किया गया। इसलिए उन्हें शिक्षक वर्ग एक की नियुक्ति मिल गई।
उक्त याचिका क्रमांक WP /12985/2021 की सुनवाई चीफ जस्टिस श्री रवि मालिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की खंड पीठ ने की। याचिका दाखिल करने वाले उम्मीदवारों की ओर से अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने न्यायालय को बताया कि मध्य प्रदेश शिक्षक सेवा नियम 2018 की अनुसूची तीन, भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 एवं 16 के प्रावधानों के विरुद्ध है तथा शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा गठित देश की सर्वोच्च संस्था राष्ट्रीय शिक्षा परिषद द्वारा बनाई गई नियमों के भी विपरीत है।
- मध्य प्रदेश सरकार के नियम 218 की अनुसूची 3 में हाई स्कूल शिक्षा हेतु स्नातकोत्तर डिग्री में द्वितीय श्रेणी का लेख है।
- मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल भोपाल द्वारा जारी विज्ञापन में पोस्ट ग्रेजुएट 50% लिखा है। तथा...
- राष्ट्रीय शिक्षा परिषद द्वारा प्रकाशित नियम में पोस्ट ग्रेजुएट 45% निर्धारित किया गया है।
अधिवक्ता के उक्त तर्कों से सहमत होते हुए आगामी सुनवाई दिनांक 27 अक्टूबर 2023 के पूर्व राज्य शासन को उक्त नियुक्तियां से संबंधित समस्त रिकार्ड प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है तथा आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को शपथ पत्र के साथ अभिलेख दाखिल करने का आदेश भी दिया गया है। इस शपथ पत्र में आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा यह बताना होगा कि ऐसे कितने अभ्यर्थी हैं जिनके प्राप्तांक 45% से 50% के बीच में है परंतु उन्हें नियुक्ति प्रदान की गई है।
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