जबलपुर स्थित हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश ने अनुकंपा के माध्यम से सरकारी नौकरी प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को सीपीसीटी सर्टिफिकेट के नाम पर बर्खास्त करने वाले आदेश पर रोक लगा दी है। ताजा मामला एमपी एग्रो कॉर्पोरेशन का है। चार कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया था।
अनुकंपा नियुक्ति हाई कोर्ट - महिला कर्मचारी सुश्री रश्मि दास बनाम एमपी एग्रो कारपोरेशन
महिला कर्मचारी सुश्री रश्मि दास ने एमपी एग्रो कारपोरेशन के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। कॉर्पोरेशन ने रश्मि के अलावा अभिषेक दुबे, निलेश मौर्य एवं कुंदन सिंगारे को भी सीपीसीटी परीक्षा पास नहीं करने के कारण बर्खास्त कर दिया था। उच्च न्यायालय को शासन की ओर से बताया गया कि सभी कर्मचारियों को मानवीय आधार पर बिना सीपीसीटी स्कोर कार्ड के अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी, लेकिन शर्त रखी गई थी कि सरकारी सेवा में शामिल होने के बाद उन्हें एक निर्धारित समय अवधि में सीपीसीटी परीक्षा पास करनी होगी। इस हेतु उन्हें कई बार अवसर दिया गया। दिनांक 1 जून 2023 को सभी कर्मचारियों को अंतिम अवसर दिया गया और 31 अगस्त तक सीपीसीटी परीक्षा पास करने के लिए निर्देशित किया गया था। इसके बाद भी कर्मचारियों ने परीक्षा पास नहीं की इसलिए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।
याचिका प्रस्तुत करने वाले कर्मचारियों ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय को बताया कि उन्हें अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति मिली है। अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में क्वालिफिकेशन को कंप्रोमाइज किया गया। कर्मचारियों की दलील है कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को योग्यता के आधार पर बर्खास्त नहीं किया जा सकता। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है और इस याचिका के निर्णय होने तक, अथवा आगामी आदेश तक, कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने वाले मध्य प्रदेश शासन के आदेश को स्थगित कर दिया है।
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