मध्य प्रदेश शासन के जनसंपर्क कार्यालय भोपाल द्वारा जारी सूचना में PRO राजेश बैन द्वारा बताया गया है कि, मध्य प्रदेश में भूमि क्रय-विक्रय रजिस्ट्री को भी भू-अभिलेख पोर्टल के इंटीग्रेशन से सरल बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि, सम्पदा पोर्टल और रेवेन्यू केस मैनेजमेंट पोर्टल को इंटीग्रेट किया गया है। जनता को रजिस्ट्री के समय भूमि का सत्यापन किये जाने की सुविधा दी गई है एवं उसी समय नामांतरण के लिये प्रकरण दर्ज कर लिया जाता है। सम्पदा पोर्टल पर रजिस्ट्री होते ही रेवेन्यू केस मैनेजमेंट पोर्टल पर नामांतरण स्वत: दर्ज हो जाता है एवं पेशी की तारीख भी तय हो जाती है।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में नामांतरण, रिश्वतखोरी का जरिया बन गया है। प्रॉपर्टी की कीमत के आधार पर एक निश्चित प्रतिशत में रिश्वत ली जाती है। जितनी महंगी प्रॉपर्टी होती है नामांतरण के लिए रिश्वत भी उतनी ही ज्यादा देनी पड़ती है। जबकि नामांतरण में कुछ भी विधि विरुद्ध नहीं होता और यह पूरी तरह से निशुल्क होना चाहिए।
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