प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के 70वें जन्मदिवस पर नवीन व्यावसायिक शिक्षा-प्रशिक्षक महासंघ मप्र के तत्वावधान में मप्र के व्यावसायिक प्रशिक्षकों ने सैकड़ों की संख्या में बधाई के सन्देश प्रेषित किए। इसके साथ ही अपनी समस्याओं और माँगो से सम्बंधित पत्र भी स्पीड पोस्ट के साथ-साथ सोशल मीडिया के माध्यम से भी भेजे गए।
मूलभूत सुविधाओं से वंचित
विदित है कि मध्यप्रदेश सहित सम्पूर्ण भारत वर्ष के अनेकों राज्यों में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक नवीन व्यावसायिक शिक्षा (NSQF) योजना विगत 9 वर्षों से शासकीय विद्यालयों में संचालित है। जिसमें विद्यार्थियों में कौशल का विकास कर विद्यार्थियों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ कर आत्मनिर्भर भारत, आत्मनिर्भर मप्र की परिकल्पना को साकार रूप दिया जा रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी व्यावसायिक शिक्षा पर अत्यधिक बल दिया जा रहा है परन्तु इस योजना में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यावसायिक प्रशिक्षक लगभग 9 वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। इन्हें न अब तक कोई स्थाई जॉब पॉलिसी बनी, न ही कोई सम्मानजनक वेतनवृद्धि हुई न कि कोई जॉब सिक्युरिटी न ही कोई शासकीय अवकाश जैसे मातृत्व अवकाश या मेडिकल अवकाश जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया।
इन माँगो को लेकर मप्र के व्यावसायिक प्रशिक्षकों ने अपने मन की बात रखी और केंद्र स्तर पर एक उच्च स्तरीय कमिटी या आयोग गठन करने का अनुरोध किया। अभी हाल ही में मप्र के व्यावसायिक प्रशिक्षकों ने प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी हजारों की तादाद में "विश्वास की पाति" के नाम से पत्र के साथ साथ राखियां भी प्रेषित की गई थी। जिन्हें अभी भी विश्वास है कि मुख्यमंत्री जी व्यावसायिक प्रशिक्षकों को विभिन्न लाभ-सुविधाओं से वंचित नहीं रखेंगे और जल्द ही कुछ बेहतर निर्णय इनके पक्ष में लेंगे।
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