संतान पालन अवकाश लेकर छतरपुर से बैतूल की आमला विधानसभा से चुनाव की तैयारी करने पहुंची मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी श्रीमती निशा बांगरे का टिकट तो पक्का हो गया परंतु मध्य प्रदेश शासन ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। जब हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली तो श्रीमती निशा बांगरे ने आज अपनी संतान और साथियों के साथ बैतूल के कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना दिया।
श्रीमती निशा बांगरे ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया
बैतूल में निशा बांगरे सोमवार को एलबीएस स्टेडियम से सैकड़ों समर्थकों के साथ रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंची। यहां उन्होंने धरना देकर अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम लिखे इस ज्ञापन में उन्होंने उनका इस्तीफा स्वीकार करने की मांग की। श्रीमती निशा बांगरे ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि यदि 24 घंटे के भीतर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया तो वह अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आएंगी और अनशन करेंगी।
कलेक्टर अमनबीर सिह बैंस पर गलत रिपोर्ट देने का आरोप
निशा ने कहा कि बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिह बैंस की गलत रिपोर्टिंग के कारण सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 22 जून 2023 का ही कारण बताओ नोटिस जारी कर (जो पत्र मुझे 4 जुलाई 2023 को वाट्सएप से प्राप्त हुआ) बेक डेट में पत्र जारी कर मुझे मानसिक प्रताड़ना दी गई। जबकि मैंने 22 जून को इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि संपूर्ण कार्रवाई पक्षपातपूर्ण की जा रही है। शासकीय सेवा करना या ना करना, ये किसी व्यक्ति का व्यक्तिगत निर्णय है। मुझे बंधुआ मजदूर की तरह रखना स्वतंत्र भारत के आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाता है। डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे की कहानी पढ़ने के लिए क्लिक कीजिए।
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