मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों एवं कर्मचारियों के तबादलों के कारण तनाव की स्थिति बन गई है। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री इंदर सिंह परमार के खिलाफ आक्रोश की स्थिति बनती जा रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि तबादलों में किसी लाभ के लिए मनमानी और गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं।
भोपाल की महिला शिक्षक ने आवेदन ही नहीं किया था, ट्रांसफर हो गया
सरकार ने कर्मचारियों को उनकी इच्छा के अनुसार ट्रांसफर के लिए प्रतिबंध हटाया था। इसमें सिर्फ दो बातें होनी थी। या तो कर्मचारी को उसकी इच्छा के अनुसार तबादला मिल जाता या फिर नहीं मिलता लेकिन भोपाल में स्टेशन एरिया संकुल के खेजडा बरामद मिडिल स्कूल में पदस्थ महिला शिक्षक आरती राजपूत का तबादला कर दिया गया, जबकि उन्होंने आवेदन ही नहीं किया था।
नियमों की नकल से निकलने का तरीका
शिक्षक श्री मोहित श्रीवास्तव दिव्यांग हैं। उन्होंने दिव्यांग कोटे से नरसिंहपुर से बैतूल ट्रांसफर मांगा था। नियमानुसार उनका ट्रांसफर करना ही था। अधिकारियों ने ऐसा ही किया। दिनांक 30 अगस्त को उनका ट्रांसफर आर्डर जारी किया गया और दिनांक 1 सितंबर को उनका ट्रांसफर निरस्त कर दिया गया। यानी नियम का पालन भी हो गया और ट्रांसफर भी नहीं करना पड़ा। कहने की जरूरत नहीं की बैतूल जिसे भेजना था उसे भेज दिया गया है। अब दिव्यांग शिक्षक अगले 1 साल तक शिकायतें करता रहेगा। चुनाव के दबाव में सीएम समन्वय से ट्रांसफर हो भी जाए तो कोई दिक्कत नहीं क्योंकि, जिसे जो करना था वह तो कर चुका है और अब उसे कोई दंड नहीं मिलेगा।
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