जबलपुर स्थित हाई कोर्ट आफ मध्य प्रदेश ने अंतरिम आदेश जारी करके मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2022 के तहत होने वाली समस्त नियुक्तियों को भारत छोड़ो आंदोलन की तारीख से संबंधित याचिका के निर्णय के अध्याधीन घोषित कर दी है। कल 52 उम्मीदवारों ने मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की है।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग भारत छोड़ो आंदोलन तारीख विवाद क्या है
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर द्वारा राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2022 में एक प्रश्न पूछा गया था।
भारत छोड़ो आंदोलन कब शुरू हुआ।
उम्मीदवारों ने इस प्रश्न का उत्तर 9 अगस्त 1942 दिया परंतु मध्य प्रदेश पीएससी ने इस प्रश्न के सभी वैकल्पिक उत्तरों को गलत बताते हुए, पूरा प्रश्न ही डिलीट कर दिया। उम्मीदवारों का कहना है कि केंद्र सरकार की अधिसूचना में आंदोलन की तारीख 9 अगस्त 1942 लिखी है। इसके अलावा भारत के प्रधानमंत्री और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी भारत छोड़ो आंदोलन के शुरू होने की तारीख 1942 बताई है। ऐसी स्थिति में प्रश्न को डिलीट नहीं किया जा सकता। जबकि हाई कोर्ट का कहना है कि, बिपिन चंद्र के सहित्य माडर्न इंडिया के मुताबिक भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत आठ अगस्त को हुई थी। यह भी तर्क दिया गया कि एक्सपर्ट कमेटी ने भी इस संबंध में रिपोर्ट पेश की है।
MPPSC 2022 के 52 उम्मीदवारों ने याचिका क्यों लगाई
जबलपुर निवासी महिला उम्मीदवार शालिनी गुप्ता सहित 52 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2022 में निर्धारित कट ऑफ से केवल एक नंबर कब मिला है। यदि एक नंबर और मिल जाता तो उपरोक्त सभी उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में शामिल हो जाते। उनका कहना है कि एमपी लोक सेवा आयोग के द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन वाला प्रश्न डिलीट कर देने के कारण वह मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए। याचिका दाखिल करने वाले उम्मीदवार चाहते थे कि, हाईकोर्ट उन्हें मुख्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे।
हाई कोर्ट ने क्या किया
न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने साफ किया कि यह कोर्ट मूल्यांकनकर्ता या चयन समिति की भूमिका नहीं निभा सकती। इस टिप्पणी के साथ, हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को मुख्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया, लेकिन इस याचिका के आधार पर एक अंतरिम आदेश जारी किया जिसके तहत मध्य प्रदेश राज्य सेवा परीक्षा 2022 के तहत होने वाली सभी नियुक्तियां इस याचिका के निर्णय के अध्याधीन रहेगी।
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