यदि आप शनि दोष से पीड़ित हैं और उस की शांति के लिए उपाय की तलाश कर रहे हैं तो 13 सितंबर 2023 का दिन आपके लिए कल्याणकारी हो सकता है। इस दिन भाद्रपद मास की शिवरात्रि पड़ रही है। विधि विधान के साथ शुभ मुहूर्त में भगवान शिव का अभिषेक करने से शनि दोष दूर होता है। शनिदेव का क्रोध शांत होता है और उनके निर्धारित दंड से राहत मिलती है।
शनि की शांति के लिए शिवलिंग का रूद्राभिषेक कैसे करें
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर मुद्गल ने कहा कि भाद्रपद की मासिक शिवरात्रि 13 सितंबर को पड़ रही है। भगवान भोलेनाथ पर रुद्राभिषेक करने से विशेष कर प्रदोष काल में बेलपत्र, भांग, धतूरा, शम्मी पत्र और हल्दी व दही का लेप लगाने से सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही कुछ उपाय ऐसे भी हैं जिन्हें करने से शनि ग्रहों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
शनि दोष से मुक्ति के लिए क्या करें
लगातार आपके जीवन में परेशानियां आ रही हैं। दुर्घटना से बच रहे हैं। खर्च भी बढ़ गया है तो समझ जाइए कि आपकी कुंडली में शनि दोष है। इन चीज़ों से बचने के लिए मासिक शिवरात्रि के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव को बेलपत्र, शम्मी पत्र ओर कनेल का फूल अर्पित करें। साथ ही गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करें। निश्चित रूप से शनि का दोष समाप्त हो जाएगा।
शुभ मुहूर्त
मासिक शिवरात्रि 12 सितंबर की रात्रि 2 बजकर 21 मिनट से प्रारंभ हो रही है और अगले दिन 13 सितंबर की रात्रि 3 बजकर 25 मिनट पर इसका समापन हो रहा है। इसलिए उदया तिथि के अनुसार 13 सितंबर को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक है। वहीं प्रदोष काल की पूजा शाम 5 बजकर 11 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक करना अच्छा माना जाएगा।
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