सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि भारत का मुद्रा व्यवहार भी बदल रहा है। पहले फिजिकल करेंसी चलती थी। फिर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन शुरू हुए और अब डिजिटल करेंसी का युग शुरू हो गया है। भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक ने अपने सभी खाताधारकों के लिए डिजिटल करेंसी पर UPI की सुविधा शुरू कर दी है।
भारतीय स्टेट बैंक की ओर से मिली सूचना
भारतीय स्टेट बैंक देश के सबसे बड़े लेंडर, अपने डिजिटल रुपए (e₹) (जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है) में UPI इंटरऑपरेबिलिटी को लागू करके इनोवेटिव डिजिटल सल्यूशन में लीडिंग बना हुआ है। इस कदम के साथ बैंक का लक्ष्य अपने ग्राहकों को अभूतपूर्व सुविधा और पहुंच प्रदान करना है। एसबीआई दिसंबर 2022 में आरबीआई की रिटेल डिजिटल ई-रुपी प्रोजेक्ट में भाग लेने वाले पहले कुछ बैंकों में से एक था। यूपीआई के साथ सीबीडीसी का इंटिग्रेशन बैंक के लिए एक महत्वपूर्ण छलांग है, जो रोजमर्रा के लेनदेन में डिजिटल करेंसी की स्वीकृति और इस्तेमाल को बढ़ाता है।
e-Rupee क्या है, यह भारतीय मुद्रा से अलग कैसे हैं
e-Rupee का फुल फॉर्म Electronic Rupee (इलेक्ट्रॉनिक रूपी) है जिसका हिंदी में अर्थ इलेक्ट्रॉनिक रुपया या डिजिटल रुपया होता है। आपके बैंक में जो धनराशि होती है उसे आप कभी भी फिजिकल विड्रॉ कर सकते हैं। यानी यदि आप ऑनलाइन पेमेंट नहीं करना चाहते तो बैंक से अपनी जमा धनराशि के बदले कागज के नोट देने की मांग कर सकते हैं परंतु इलेक्ट्रॉनिक रुपया या डिजिटल रुपया, हमेशा ऑनलाइन रहता है। इसके अलावा सब कुछ सामान है।
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