जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश ने आज समयमान वेतनमान के संदर्भ में मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा जारी उन्होंने निर्देशों को निरस्त कर दिया जिसमें समयमान वेतनमान के निर्धारण का फार्मूला घोषित किया गया था।
लालधान सिंह परते, स्टेनो ग्राफर एवम अन्य बनाम मध्य प्रदेश शासन
लालधान सिंह परते, स्टेनो ग्राफर एवम अन्य 8 स्टेनो ग्राफर, हेमंत ठाकरे, मनोहर प्रसाद विश्वकर्मा, गोविंद पटेल, श्रीमती दीप्ति पांडे, राजू देहरिया, गुरुशरण कौर कपूर, सरोजिनी खान, सरोज भटनागर, कौशल विकास संचालनालय, जबलपुर एवम इंदौर में पदस्थ हैं। आरंभिक नियुक्ति स्टेनो टाइपिस्ट के पद पर होने के पश्चात, इन सभी कर्मचारियों की पदोन्नति, स्टेनो ग्राफर के पद पर हुई थी, जो ताकि, शत प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने वाले पद थे।
विवाद का कारण- समय पर समयमान वेतनमान नहीं दिया
शासन की समयमान वेतनमान की योजना में प्रावधान है कि उक्त योजना का लाभ, शत प्रतिशत सीधी भर्ती वाले पदों पर या जो पद 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से और 50 प्रतिशत प्रमोशन से भरे जाते हैं, को दिया जाना हैं। श्री परते एवम 8 अन्य जिस पद पर, प्रमोट हुए थे, वह शत प्रतिशत प्रमोशनल पोस्ट हैं। अतः उन्हें समयमान योजना का लाभ, उनकी सर्विसेज की गणना, प्रमोशन दिनांक से की जाकर, समय मान वेतन दिया जाना था। अतः सभी कर्मचारी भेदभाव के शिकार थे एवम अपने कनिष्ठ कर्मचारियों से कम वेतन पा रहे थे।
पीड़ित होकर, वित्त विभाग एवम सामान्य प्रशासन के आदेशो को , उनके द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में चुनौती दी गई थी। उनकी ओर से उच्च न्यायालय, जबलपुर के वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने बहस के दौरान कोर्ट को बताया कि शासन, शत प्रतिशत प्रमोशनल पोस्ट्स को, नियमित समयमान योजना के लाभ से वंचित कर, उनकी सर्विसेज की गणना नियुक्ति दिनांक (समयमान वेतनमान का लाभ देने के प्रयोजन से) से नही कर, प्रमोशन दिनांक से कर, एक कृत्रिम वर्ग का निर्माण कर रही है। जो कि भेदभाव पूर्ण एवम संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। एक संवर्ग के भीतर, दूसरा संवर्ग उत्पन नही किया जा सकता है। संविधान के द्वारा उचित वर्गीकरण मान्य है न की किसी किसी कृत्रिम वर्ग का निर्माण।
सुनवाई के बाद, उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने, वित्त विभाग एवम सामान्य प्रशासन के निर्देशों को निरस्त कर, प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा, वित्त विभाग, सामान्य प्रशासन, डायरेक्टर स्किल डेवलपमेंट, जबलपुर को, आदेश दिए हैं की याचिकाकर्ता कर्मचारियों को, समयमान वेतनमान का लाभ नियुक्ति दिनांक से सेवाओं की गणना कर, प्रदान किया जावे।
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