देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के मैनेजमेंट ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नाम पर डिग्री, डुप्लीकेट मार्कशीट, माइग्रेशन और ट्रांसक्रिप्ट बनाने का काम बंद कर दिया है। पूछने पर जवाब दिया जाता है कि सभी संबंधित कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लग गई है। हालांकि, कुछ विशिष्ट विद्यार्थियों के काम हो रहे हैं।
महीने भर पहले से चुनाव के नाम पर काम बंद कर रखा है
इसके बारे में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के कुलपति की ओर से कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है। इसलिए विद्यार्थी हर रोज यूनिवर्सिटी के चक्कर लगा रहे हैं। विदेश में नौकरी और उच्च शिक्षा के लिए जाने वाले विद्यार्थियों को दस्तावेजों की जरूरत होती है। इसके लिए उन्हें निर्धारित प्रक्रिया के अलावा कुछ और प्रयास भी करने पड़ रहे हैं। बीए, बीकाम, बीएससी, बीबीए, बीसीए के अंतिम वर्ष व एमबीए, एमएससी, एमकाम के अंतिम सेमेस्टर के रिजल्ट घोषित हो चुके हैं। विश्वविद्यालय ने कुछ दिन पहले इनकी मार्कशीट भी कालेजों में भेज रखी है। अब डिग्री-ट्रांसक्रिप्ट के लिए विद्यार्थियों ने आवेदन कर रखा है। 20-25 दिन में भी दस्तावेज तैयार नहीं हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों को फारेन यूनिवर्सिटी व कंपनी का पत्र लगाना पड़ रही है।
500 डिग्रियां पेंडिंग, कुलपति साइन नहीं कर रहे
सहायक कुलसचिव डा. विष्णु मिश्रा ने पत्रकारों के पूछने पर बताया कि, कर्मचारी कम होने से कार्य प्रभावित हुए हैं। दस्तावेज व प्रमाण पत्र तैयार करवाने के लिए कर्मचारियों को शाम को बुलाकर करवाया जा रहा है। अवकाश वाले दिन भी काम हो रहा है। सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने वाले छात्र-छात्राएं भी पहुंच रहे हैं। पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद विद्यार्थी डिग्रियों के लिए सबसे ज्यादा आवेदन कर रहे हैं। इन दिनों 500 से ज्यादा डिग्रियां जारी करना बाकी है। ज्यादातर डिग्रियों पर कुलपति की साइन नहीं हुई है। यहां तक कि 200 ट्रांसक्रिप्ट बनाई जाना है।
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