मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित भारत के प्रतिष्ठित शारीरिक शिक्षा संस्थान लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फिजिकल एजुकेशन में खिलाड़ियों को दूषित खाना परोसा जा रहा है। भूखे खिलाड़ी जहरीला खाना खाने के लिए मजबूर है। इसी के चलते मंगलवार को फूड प्वाइजनिंग हो गई। 100 से ज्यादा खिलाड़ियों को अस्पताल में भर्ती किया गया है।
LNIPE GWALIOR- सोमवार की रात जहरीला पनीर परोसा गया था
बताया गया है कि मंगलवार की सुबह खिलाड़ियों में बेचैनी और बुखार की शिकायत मिलना शुरू हो गई थी। फिजिकल कॉलेज में प्रायमरी हेल्थ सेंटर भी है परंतु डॉक्टर की दावों का कोई असर नहीं पड़ा और शाम तक हॉस्टल में रहने वाले खिलाड़ियों की हालत गंभीर होने लगी। उन्हें उल्टियां होने लग गई। स्थिति गंभीर होने पर 100 से ज्यादा खिलाड़ियों को JAH GWALIOR में भर्ती किया गया है। बाकी सभी कैंपस में मौजूद प्राइमरी हेल्थ सेंटर में निगरानी में रखे गए। बीमार विद्यार्थियों ने बताया कि सोमवार की रात पनीर परोसा किया था। उसके बाद से ही सबकी तबीयत खराब होना शुरू हो गई थी।
LNIPU के रजिस्ट्रार अमित यादव का बयान
LNIPU के रजिस्ट्रार अमित यादव का कहना है कि सुबह से बच्चों की हालत नाजुक थी। मलेरिया की जांच भी कराई है। उन्हें प्राथमिक उपचार दिया जा रहा था। फूड के सैंपल लिए जाएंगे। जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जरूरत पड़ी तो उनके खिलाफ FIR तक कराएंगे।
LNIPE हेल्थ सेंटर के डॉ. जयराज वाधवानी का बयान
LNIPE हेल्थ सेंटर के डॉ. जयराज वाधवानी के मुताबिक, सुबह बच्चों में बुखार और उल्टी-दस्त के लक्षण देखने में आए थे। इसके बाद उन्हें प्राथमिक उपचार के रूप में पैरासिटामॉल और ओआरएस का घोल लगातार दिया जा रहा है। हालांकि, उस समय हालात इतने गंभीर नहीं थे। एकाएक ही शाम को बच्चों की हालत बिगड़ती गई। इसके बाद बिना देरी किए प्रबंधन और फैकल्टी की मदद से सभी को अस्पताल पहुंचाया गया।
JAH अधीक्षक आरकेएस धाकड़ का बयान
JAH अधीक्षक आरकेएस धाकड़ का कहना है कि बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए हैं। सभी को इलाज दिया जा रहा है। हमारे डॉक्टर पूरी मुश्तैदी से काम कर रहे हैं। किसी भी चीज की कमी नहीं आने दी जाएगी।
JAH मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. धर्मेंद्र तिवारी ने बताया, बच्चों ने दोपहर के खाने में कुछ ऐसा खा लिया है, जिसके कारण उन्हें उल्टी-दस्त जैसी परेशानी हो रही है। संभवत: फूड पॉइजनिंग के लक्षण हैं। इनका उपचार चल रहा है। सभी बच्चों को यही पर एडमिट किया गया है, जिससे उनकी तबीयत की मॉनिटरिंग की जा सके।
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