जब किसी सरकारी टेन्डर से लेकर, किसी जब्ती सम्पति कुर्की या किसी वस्तु की नीलामी होती है, तब उस संपत्ति की नीलामी में वही व्यक्ति भाग ले सकते हैं जो शासन के बनाए गए नियमों का पालन करता है। अगर कोई व्यक्ति इन नियमों का पालन न करके नीलामी में भाग ले लेता है तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी जानिए।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 185 की परिभाषा
अगर लोक सेवक के आदेश के अधीन विक्रय के लिए निकली गई संपत्ति की बिक्री या नीलामी में कोई व्यक्ति जो नियमों का पालन नहीं करता है एवं अवैध तरीके से बोली लगाता या बिक्री, नीलामी में भाग लेता है तब उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 185 के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाएगा।
Indian Penal Code, 1860 section 185 punishment
यह अपराध असंज्ञेय एवं ज़मानतीय होते है। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस अपराध के लिए अधिकतम छ: माह की कारावास या जुर्माना या दिनों से दण्डित किया जा सकता है।
धारा 185 के तहत अपराध के कुछ उदाहरण :-
नीलामी प्रक्रिया में शामिल किसी भी लोक सेवक का रिश्तेदार, बोली लगता है या फिर खरीद लेता है।
कोई व्यक्ति केवल कीमत बढ़ाने के इरादे से बोली लगता है, लेकिन खरीदने के इरादे से नहीं।
आईपीसी की धारा 185 का उद्देश्य सरकारी संपत्ति की बिक्री में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है। यह धारा लोक सेवकों को सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग करने से रोकने में भी मदद करती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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