कई बार आम नागरिकों को आईपीसी की इस धारा की जानकारी नहीं होती और वह अनजाने में ही अपराध कर बैठते हैं। कई बार पुलिस पार्टी को, किसी आरोपी को गिरफ्तार करने से रोकते हैं। किसी शासकीय कर्मचारी अथवा अधिकारी को दस्तावेज जारी करने से रोकने की कोशिश करते हैं। किसी शासकीय कार्रवाई में अवरोध उत्पन्न कर देते हैं और कई बार तो न्यायाधीश को मामले की सुनवाई करने से रोकने के लिए, कुछ ऐसा कर डालते हैं जो आईपीसी में अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है। जानिए ऐसे लोगों के खिलाफ किस धारा के तहत मामला दर्ज किया जाता है और कितनी सजा मिलती है:-
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 186 की परिभाषा
कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक के लोक कर्तव्य या कार्य में जानबूझकर कर किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न करता है उस व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 186 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। इस मामले के दर्ज किए जाने से पहले शासकीय कार्य में उत्पन्न हुई बढ़ा को समाप्त करने के लिए आरोपीय व्यक्ति को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया जा सकता है।
Indian Penal Code, 1860 section 186 punishment
यह अपराध असंज्ञेय एवं ज़मानतीय होते है। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस अपराध के लिए अधिकतम छ: माह की कारावास या जुर्माना या दिनों से दण्डित किया जा सकता है। ✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। ✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।