भारत के कई इलाकों में आज भी होता है। कमजोर व्यक्ति को प्रताड़ित किया जाता है और जब वह न्याय की प्रत्याशा में पुलिस या प्रशासन के पास जाने की कोशिश करता है तो उसे प्रताड़ित करने वाले दबंग व्यक्ति द्वारा उसे बलपूर्वक रोका जाता है। ऐसे लोगों को आईपीसी की एक विशेष धारा के तहत दंडित किए जाने का प्रावधान किया गया है।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 190 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को किसी लोक सेवक के पास संरक्षण के लिए जाने से रोकेगा जो उस समस्या का समाधान करने के लिए प्राधिकृत हो, तब पीड़ित व्यक्ति को रोकने वाले व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 190 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। यहां प्राधिकृत अधिकारी से तात्पर्य, वह पुलिस अथवा प्रशासन का अधिकारी जो पीड़ित व्यक्ति की सहायता के लिए अधिकृत है अथवा उसकी समस्या का समाधान कर सकता है।
Indian Penal Code, 1860 section 190 punishment
यह अपराध असंज्ञेय एवं ज़मानतीय होते है। यदि आरोपी व्यक्ति पुलिस थाने में हाजिर हो जाए तो उसे जमानत मिल जाती है लेकिन जमानत के कारण मामला कमजोर नहीं होता। न्यायालय के किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा मामले की सुनवाई की जा सकती है। अपराध सिद्ध पाए जाने पर अधिकतम एक वर्ष का कारावास अथवा जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।
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