Legal general knowledge and law study notes
बहुत से लोग न्यायालय की कार्यवाही में किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से हाजिर हो जाते हैं। जैस कि नकली जमानातदार बनकर जमानत लेना, किसी अन्य के स्थान पर स्वयं को हाजिर कर देना, निकली व्यक्ति बनकर कोर्ट में खड़े हो जाना येसे फर्जी व्यक्ति के खिलाफ क्या कानूनी कार्यवाही होगी जानिए।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 205 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति का रूपधारण कर के किसी न्यायिक वाद, दावे, की कार्यवाही में भाग लेगा या कोई बनावटी व्यक्ति बनकर कोई ज़मानत या प्रतिभू लेगा या कोई आदेशिका निकलवायेगा वह व्यक्ति भारतीय दण्ड संहिता की धारा 205 के अंतर्गत दोषी होगा।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 205 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान
इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है सजा:- इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम तीन वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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