भारत में संपत्ति प्राप्त करने के लिए लोग कई प्रकार के जतन करते हैं। कुछ लोग बिना परिश्रम के किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति हथिया लेने के लिए झूठा दावा पेश कर देते हैं। ऐसे लोग नहीं जानते कि उनका दावा झूठा घोषित हो जाने पर, उन्हें जेल भेजा जाएगा।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 207 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति यह जानते हुए की किसी संपत्ति में उसका कोई हित नहीं है या वह संपत्ति किसी दूसरे के अधिकार की है, फिर भी कपटपूर्वक उसे प्राप्त करने के लिए झूठा दावा करेगा या झूठा सिविल मामला दर्ज करेगा। वह व्यक्ति भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 207 के अंतर्गत अपराधी घोषित किया जाएगा और उसे न्यायालय द्वारा दंडित किया जाएगा।
Indian Penal Code, 1860 section 207 Punishment
इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम दो वर्ष कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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