Legal general knowledge and law study notes
सोसाइटी में कुछ लोग कानूनी जानकारी, किसी वकील अथवा पुलिस अथवा प्रशासनिक अधिकारी से जान पहचान इत्यादि का दुरुपयोग करते हैं। किसी को परेशान करने के लिए, उसे मानसिक, आर्थिक अथवा शारीरिक हानि पहुंचाने के लिए न्यायालय में झूठा मुकदमा दायर कर देते हैं। भारतीय दंड संहिता में ऐसे लोगों को दंडित करने हेतु प्रावधान किया गया है। आईए जानते हैं इस प्रकार के लोगों को किस धारा के तहत सबक सिखाया जा सकता है।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 209 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति कपटपूर्ण, बेईमानी, के उद्देश्य से किसी व्यक्ति पर झूठा वाद दायर करता है। जिससे प्रतिवादी को किसी भी प्रकार की हानि, क्षति, नुकसान होने की संभावना है। तब झूठा वाद लगाने वाले व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 209 के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाकर उसे अपराधी घोषित किया जाएगा और न्यायालय द्वारा दंडित किया जाएगा।
Indian Penal Code, 1860 section 209 Punishment
इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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