मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नजदीक सीहोर में संचालित JAYSHRI GAYATRI FOOD PRODUCTS PRIVATE LIMITED के मालिक किशन मोदी का एक स्पष्टीकरण सामने आया है। नियमानुसार किसी भी कंपनी में संचालित गतिविधियों के लिए उसके डायरेक्टर जिम्मेदार होते हैं परंतु श्री किशन मोदी का कहना है कि उनके यहां जितनी भी गड़बड़ी की जा रही थी वह उनके अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा की जा रही थी। 50 करोड़ से कम नेट वर्थ वाली कंपनी के मालिक का कहना है कि उनकी कंपनी में क्या हो रहा था उन्हें खुद नहीं पता।
जो कुछ किया सुनील, वामिक और प्रशांत ने किया
सीहोर स्थित जयश्री गायत्री पनीर प्रोडक्ट में मिलावट के मामले में कंपनी के एमडी किशन मोदी की तरफ से दैनिक भास्कर भोपाल के पेज क्रमांक 2 "भोपाल फ्रंट पेज" पर प्रकाशित हुए बयान में लिखा है कि जो सैंपल एफएसएसएआई की जांच में फेल हुए थे, वह गड़बड़ी उनकी ही कंपनी के सीईओ, जनरल और क्वालिटी हेड ने की थी। तीनों के खिलाफ जून में हबीबगंज थाने में 15 करोड़ की धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इस बयान में किशन मोदी की तरफ से लिखा गया है कि, गड़बड़ी कंपनी के सीईओ सुनील त्रिपाठी, जनरल मैनेजर वामिक सिद्धीकी और क्वालिटी हेड प्रशांत शुक्ला ने की थी। वामिक सिद्दीकी दूध सप्लायरों से सांठगांठ कर हर टैंकर पर 50 हजार रुपए लेकर अमानक दूध पास कर देता था। सुनील त्रिपाठी से मिलकर कंपनी के डिजाइनर जीतेंद्र राठौड़ से फर्जी लैब रिपोर्ट तैयार कर ली। इसलिए एफएसएसएआई की रिपोर्ट में दो बार सैंपल फेल हुआ। मोदी ने बताया कि आरोपी तीनों कर्मचारियों को निकालने के बाद कोई सैंपल फेल नहीं हुआ।
प्रतिक्रिया - इतना मासूम कारोबारी किसी कंपनी का डायरेक्टर नहीं होना चाहिए
कंपनी किशन मोदी और उनके परिवार की है। कंपनी का प्रॉफिट किशन मोदी और उनके परिवार को मिलता है। कंपनी की हर गतिविधि के लिए वैधानिक तौर पर किशन मोदी और उनके परिवार जिम्मेदार है परंतु किशन मोदी बयान जारी करके कहते हैं कि मैं मासूम हूं, मेरे मैनेजमेंट ने घोटाला कर दिया और मुझे पता ही नहीं चला। मैनेजमेंट का सिद्धांत कहता है कि, इतना मासूम कारोबारी कभी किसी कंपनी का डायरेक्टर नहीं होना चाहिए। सबसे पहले ऐसे डायरेक्ट को बाहर कर दिया जाना चाहिए।
वैसे कानूनी तौर पर कंपनी का सैंपल फेल हो गया है और कंपनीकी तरफ से अपने अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई है। इन्वेस्टिगेशन और ट्रायल की प्रक्रिया से गुजरने के बाद स्पष्ट हो पाएगा कि श्री किशन मोदी द्वारा आरोपित किए गए तीनों अधिकारी, अपराधी हैं या नहीं। बेहतर होता कि इस मामले में न्यायालय का फैसला आने के बाद श्री किशन मोदी कोई बयान जारी करते।
संभव है किसी व्यावसायिक उद्देश्य के लिए, किसी को मिस गाइड करने के लिए अथवा दीपावली से पहले आम जनता में अपने उत्पादों की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए इस प्रकार का बयान जारी किया गया हो।
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