मध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल से संबंधित सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कक्षा 9 में पढ़ने वाले हजारों विद्यार्थी इस साल परीक्षा नहीं दे पाएंगे, क्योंकि नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उनका नामांकन फार्म जमा नहीं हो पा रहा है। चुनावी शोर में विद्यार्थियों की इस समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है और इसका कोई समाधान नहीं हो पा रहा है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विवादित नियम
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत निर्धारित किया गया है कि 5 साल से कम उम्र के बच्चे का कक्षा एक में एडमिशन नहीं हो सकता। इस फार्मूले के कारण 13 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थी का कक्षा 9 में एडमिशन नहीं हो सकता। जबकि मध्य प्रदेश में 4 से 5 साल आयु वाले बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश दे दिया जाता था। तब राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू नहीं थी। ऐसे हजारों बच्चे कक्षा 8 पास करने के बाद कक्षा 9 में प्रवेश प्राप्त कर चुके हैं। उनकी आयु 12 वर्ष से अधिक लेकिन 13 वर्ष से कम है। नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उनका नामांकन नहीं हो पा रहा है। नामांकन की लास्ट डेट 31 अक्टूबर है। समाचार लिखे जाने तक माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश, भोपाल की ओर से इस बारे में कोई अपडेट जारी नहीं किया गया।
चुनाव आयोग विद्यार्थियों से रंगोली बनवा रहा है, प्रॉब्लम सॉल्व नहीं कर रहा
मध्य प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू है। सरकार कोई फैसला नहीं ले सकती। किसी भी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। भारतीय प्रशासनिक सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा एवं अन्य सभी प्रकार के अधिकारी और कर्मचारियों की सेवाएं चुनाव आयोग के अधीन हो गई है इसलिए वह अपने विभागीय कार्य नहीं कर रहे हैं। चुनाव आयोग मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए स्कूल कॉलेज में विभिन्न प्रकार के आयोजन कर रहा है, लेकिन विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान नहीं कर रहा है। जबकि यह एक ऐसी समस्या है जिसका समाधान तत्काल किया जाना अनिवार्य है। मतदान अथवा चुनाव परिणाम तक की प्रतीक्षा नहीं कर सकते।
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