माध्यमिक शिक्षक से उच्च माध्यमिक शिक्षक पद के प्रभार की प्रक्रिया में, कई बार त्रुटिपूर्ण वरिष्ठता को सुधारते हुए नई विसंगति ने काउंसलिंग के उद्देश्य को विफल कर दिया है। माध्यमिक शिक्षक की वरिष्ठता सूची में 29 सितंबर को, कई माध्यमिक शिक्षकों को, अपने जूनियर्स से नीचे कर दिया गया है। जबकि 27 सितंबर पर वे वरिष्ठता सूची में उचित स्थान पर थे।
अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी उच्च न्यायालय जबलपुर के अनुसार, काउंसलिंग के द्वारा विद्यालय में नियुक्ति पदस्थापना, मेरिट के अनुसार दिए जाने का उद्देश्य होता है कि मेरिट सूची में उपर, स्थापित लोक सेवक, क्रम अनुसार स्कूल का चयन कर सकें। परंतु, यदि उन्हे सीनियारिटी में गलती से नीचे कर दिया जाता है, तब, जूनियर टीचर उस शाला का चुनाव कर लेंगे, जिसके लिए सीनियर इच्छुक थे। ऐसी त्रुटिपूर्ण प्रक्रिया से, उस पद प्रभार हेतु काउंसलिंग का उद्देश्य ही विफल होता है।
उल्लेखनीय है कि काउंसलिंग को शासित करने वाला आदेश, जो कि आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा जारी किया गया है। उसके अनुसार भी शाला का चयन वरिष्ठता के अनुसार किया जाना है।
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