मध्य प्रदेश पुलिस डिपार्टमेंट के दामन पर आज एक दाग लग गया। 40वें बैच में ओवरऑल टॉपर रही महिला डीएसपी यशस्वी शिंदे अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफा में कोई कारण नहीं लिखा लेकिन उनके इस्तीफा में से वह सब कुछ साफ दिखाई दे रहा है जो उन्होंने नहीं लिखा। इस्तीफा की एक लाइन "वर्तमान परिस्थितियों में में अपनी सेवाएं विभाग को देने में सक्षम नहीं हूं", सब कुछ स्पष्ट कर रही है।
यशस्वी शिंदे- आईपीएस की प्रेरणा से डीएसपी बनी थी
यशस्वी शिंदे ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह एक आईपीएस अधिकारी की प्रेरणा से डीएसपी बनी थी। खंडवा की रहने वाली यशस्वी शिंदे ने बताया था कि, पुलिस अधिकारी बनने से पहले वह जिला अस्पताल में फिजियोथैरेपिस्ट के पद पर कार्यरत थी। बात साल 2013 की है, जब हमारे यहां प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी फिजियोथैरेपी के लिए आते थे। उनकी इंडेक्स फिंगर (तर्जनी) में मूवमेंट नहीं था। सभी ने कहा ठीक नहीं होगा। पुलिस अधिकारी के लिए तो गन के इस्तेमाल में अंगुलियां सबसे अहम होती हैं। सभी ने मना किया था ठीक नहीं हो सकेगी, लेकिन एक माह की थैरेपी के बाद ऊंगली ठीक हो गई। मेरी मेहनत और काम देखकर आईपीएस ने कहा कि तुम्हारे भीतर प्रशासनिक अधिकारी बनने की काबिलियत है। तुम्हें तैयारी करनी चाहिए।
यशस्वी शिंदे डिपार्टमेंट की पॉलिटिक्स में सरवाइव नहीं कर पाई
यशस्वी शिंदे मध्य प्रदेश के नीमच ज़िले की उप पुलिस अधीक्षक (DSP) थीं। उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। अपने इस्तीफ़े में उन्होंने लिखा है कि वर्तमान परिस्थितियों में वह अपनी सेवाएं विभाग को देने में सक्षम नहीं हैं। यशस्वी शिंदे का तबादला दो दिन पहले ही एसडीओपी मनासा से डीएसपी अजाक के पद पर हुआ था। माना जा रहा है कि वह इस तबादले से खुश नहीं थीं। पढ़ाई और परफॉर्मेंस में टॉप पर रहने वाली यशस्वी शिंदे डिपार्टमेंट की पॉलिटिक्स में सरवाइव नहीं कर पाई।
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