मध्य प्रदेश का सारा प्रशासनिक तंत्र चुनाव आयोग के अधीन हो गया है। सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई है। बीमार कर्मचारी की भी चुनाव में ड्यूटी लगा दी गई है। जनसुनवाई बंद हो गई है। कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी के कारण जनता से जुड़ी कई सेवाएं प्रभावित हो गई है, लेकिन निर्वाचन के नीति निर्धारक अपने साप्ताहिक अवकाश आनंद छोड़ने को तैयार नहीं है। जिस मध्य प्रदेश में छुट्टी के दिन बिजली के बिल जमा होते हैं, उसे मध्य प्रदेश में साप्ताहिक अवकाश शनिवार और रविवार को चुनाव के नामांकन फार्म जमा नहीं होंगे।
मध्य प्रदेश में नामांकन जमा करने के लिए अब सिर्फ 4 घंटे शेष
संभागीय जनसंपर्क कार्यालय भोपाल की ओर से बताया गया है कि, विधानसभा निर्वाचन-2023 की अधिसूचना 21 अक्टूबर को जारी होने के बाद से नामांकन प्राप्त किये जा रहे हैं। नामांकन पत्र 30 अक्टूबर 2023 सोमवार तक प्राप्त किए जायेंगे। चतुर्थ शनिवार 28 एवं रविवार 29 अक्टूबर शासकीय अवकाश के दिनों में नामांकन पत्र नहीं लिये जायेंगे। अब इच्छुक प्रत्याशियों के बाद 30 अक्टूबर का दिन ही नामांकन पत्र जमा करने के लिए शेष है। नामांकन पत्र प्रातः 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक प्राप्त किये जायेंगे।
चुनाव आयोग के फैसलों पर न दलील न अपील
प्रशासनिक व्यवस्था में यदि कलेक्टर कोई गलत गलत फैसला कर तो कमिश्नर से लेकर मुख्य सचिव तक अपील की जा सकती है। मुख्य सचिव गलत फैसला कर तो मुख्यमंत्री से अपील की जा सकती है। इसके अलावा हाई कोर्ट भी है परंतु चुनाव आयोग के फैसलों पर कोई अपील नहीं की जा सकती। चुनाव कार्य से जुड़े नीति निर्धारक अधिकारी जब चाहे किसी की भी छुट्टी रद्द कर सकते हैं और जब चाहे स्वयं के लिए अवकाश घोषित कर सकते हैं।
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