मध्य प्रदेश की शिवपुरी विधानसभा सीट पर चल रहे तनाव के बीच इस पूरे घटनाक्रम के सूत्रसंचालक श्री दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए ऑन रिकॉर्ड कहा कि मैं श्री वीरेंद्र रघुवंशी को शिवपुरी विधानसभा से कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी बनाने का वादा किया था और मैं ही श्री केपी सिंह को शिवपुरी विधानसभा से कांग्रेस पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया है।
दिग्विजय सिंह ने बताया केपी सिंह को टिकट क्यों दिया
शिवपुरी विधानसभा से कांग्रेस पार्टी का टिकट मांग रहे श्री वीरेंद्र रघुवंशी, मध्य प्रदेश रघुवंशी समाज के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। इसके कारण मध्य प्रदेश का रघुवंशी समाज न केवल कांग्रेस पार्टी से नाराज है बल्कि दिग्विजय सिंह के खिलाफ लाम बंद हो गया है और विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ काम करने का संकल्प उठा रहा है। श्री दिग्विजय सिंह जानते हैं कि, रघुवंशी समाज कांग्रेस पार्टी के लिए कितना उपयोगी है इसलिए उन्होंने पत्रकारों को बुलाकर, कैमरे के सामने यह स्वीकार किया कि उन्होंने श्री वीरेंद्र रघुवंशी को कांग्रेस पार्टी में बुलाया था और वादा किया था कि शिवपुरी विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित करेंगे।
श्री दिग्विजय सिंह ने अपने बयान में कुछ बातों को शब्दों से बयां नहीं किया परंतु उनके अटकने और शब्दों को घटकने के बीच जो अनुमान लगाया गया उसके अनुसार, शिवपुरी विधानसभा सीट से विधायक श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया के चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद, एक अवसर उपस्थित हो गया था जिसका लाभ लेने के लिए अपने प्रिय समर्थन एवं रिश्तेदार श्री केपी सिंह को पिछोर की जगह शिवपुरी से उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।
दिग्विजय सिंह के प्रयोग से पैदा हुए जोखिम
हालांकि बदली हुई परिस्थितियों में श्री वीरेंद्र रघुवंशी की जीत पक्की थी परंतु श्री दिग्विजय सिंह के इस प्रयोग से कई जोखिम पैदा हो गए हैं। श्री केपी सिंह के रहते पिछोर सीट पर जितने की गारंटी थी परंतु अब प्रीतम लोधी के सामने कांग्रेस पार्टी के पास कोई कैंडिडेट नहीं है। स्वयं श्री केपी सिंह का चुके हैं कि नामांकन फार्म जमा होने की लास्ट डेट तक पिछोर का प्रत्याशी बदल सकता है। यानी पिछोर सीट खतरे में है। शिवपुरी विधानसभा सीट से श्री केपी सिंह की जीत सुनिश्चित नहीं है क्योंकि ना तो श्री केपी सिंह का शिवपुरी विधानसभा पर कोई खास होमवर्क है और ना ही इस बात की कोई गारंटी है कि सिंधिया परिवार के किसी भी सदस्य की अपील पर पांचवी पास को चुनाव जीतने वाले शिवपुरी के लोग श्री केपी सिंह को वोट देंगे। जबकि उनके सामने शिवपुरी शहर की लोकल नेता को भाजपा ने टिकट दिया है। इस प्रकार शिवपुरी सीट पर जोखिम में चली गई है।
सबसे बड़ी बातें है कि श्री दिग्विजय सिंह ने अपने बयान में स्पष्ट तौर पर कहा कि, श्री दिग्विजय सिंह उनके प्रिय समर्थक हैं और उनके रिश्तेदार भी हैं परंतु श्री दिग्विजय सिंह के इस प्रयोग ने श्री केपी सिंह को भी खतरे में डाल दिया है। यदि श्री दिग्विजय सिंह, श्री केपी सिंह का हित चाहते तो उन्हें पिछोर और शिवपुरी दोनों सीटों से लड़वाते। रही बात श्री दिग्विजय सिंह के कॉन्फिडेंस की तो 2003 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2018 के लोकसभा चुनाव तक के परिणाम सब कुछ बयां करते हैं।