मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार श्री भगवान दास सबनानी के सामने दर्जनों चुनौतियां खड़ी हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने उनके सामने पूर्व मंत्री श्री पीपी शर्मा को चुनाव में प्रतिस्पर्धा के लिए अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया है। श्री पीसी शर्मा इस विधानसभा से विधायक भी है।
भोपाल में भाजपा के भगवान दास के सामने कौन-कौन सी चुनौतियां
श्री भगवान दास को भाजपा के नेताओं का पूरा सहयोग मिल रहा है परंतु विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का समर्थन अब तक नहीं मिल पाया है। इस क्षेत्र में भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता के समर्थकों की संख्या सबसे ज्यादा है। टिकट नहीं मिलने के कारण श्री उमाशंकर गुप्ता को हार्ट अटैक आ गया था। उन्होंने श्री भगवान दास से मिलने से इनकार कर दिया था। ऐसी स्थिति में श्री उमाशंकर गुप्ता और उनकी टीम को अपने पक्ष में लाना बड़ी चुनौती है।
सबनानी के कारण सब, ना-ना कर रहे हैं
भाजपा प्रत्याशी श्री भगवान दास के सामने दूसरी बड़ी चुनौती भी अपने घर के अंदर से ही मिल रही है। भाजपा के जिला अध्यक्ष श्री सुमित पचौरी और प्रदेश मंत्री श्री राहुल कोठारी टिकट के प्रमुख दावेदार थे। नगर निगम के अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी भी भाजपा से टिकट मांग रहे थे। गुप्ता, पचौरी, कोठारी या सूर्यवंशी, इनमें से किसी को भी टिकट मिलता तो सब एक दूसरे के लिए काम करते परंतु सबनानी की उम्मीद किसी ने नहीं की थी। सबनानी की घोषणा के कारण सब-ना-ना कर रहे हैं। श्री भगवान दास को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णु दत्त शर्मा के कारण सारे कार्यकर्ताओं के साथ उनका प्रचार करेंगे, परंतु पुराने रिकार्ड बताते हैं कि भोपाल में ऐसा संभव नहीं होता।
भगवान दास का मतदाताओं से डायरेक्ट कनेक्शन नहीं
विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा संख्या शासकीय कर्मचारी और व्यापारियों की है। कांग्रेस प्रत्याशी श्री पीसी शर्मा का दोनों वर्गों में अच्छा संपर्क है। भाजपा के श्री भगवान दास के पास प्रतिस्पर्धी की तुलना में मतदाताओं से जीवित संपर्क नहीं है। हालांकि श्री संजीव सक्सेना की नाराजगी के कारण कांग्रेस उम्मीदवार श्री पीसी शर्मा को नुकसान होगा परंतु इस समीकरण का श्री भगवान दास को फायदा होने की उम्मीद कम है।
जहां तक पार्टी के आधार पर वोटिंग का सवाल है तो भारतीय जनता पार्टी को यहां पर लाडली बहना योजना का लाभ मिलेगा लेकिन पुरानी पेंशन के मामले में नुकसान होगा। GST भी इस विधानसभा क्षेत्र में एक छोटा सा चुनावी मुद्दा है जो मतदाताओं के एक वर्ग को प्रभावित करता है। देखना यह है कि नामांकन वापसी के बाद चुनाव प्रचार अभियान के सेकंड राउंड में क्या माहौल बनता है।
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