मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डेंगू फैल रहा है। डेंगू के कारण भोपाल के 272 लोग गंभीर रूप से बीमार हो चुके हैं। राजधानी के जिस इलाके में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कांग्रेस नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और उमा भारती सहित कई VVIP नेता रहते हैं, वहां सबसे ज्यादा डेंगू वाले मच्छर पाए गए हैं।
मलेरिया कार्यालय कर्मचारियों की छुटि्टयां निरस्त
जिला मलेरिया अधिकारी ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार श्यामला हिल्स, ईदगाह हिल्स और जीएमसी कैंपस (गांधी मेडिकल कॉलेज कैंपस जहां 1000 से ज्यादा डॉक्टर रहते हैं) में सबसे ज्यादा डेंगू वाले मच्छर पाए गए हैं। उपरोक्त तीनों राजधानी भोपाल के ऐसे इलाके हैं जहां पर सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित पॉलिटिकल लीडर, ब्यूरोक्रेट्स और व्यापारी रहते हैं। जिला मलेरिया कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक भोपाल में रोजाना औसतन 9 नए डेंगू पॉजिटिव मरीज मिले हैं। सितंबर में रोजाना मिल रहे औसतन मरीजों की संख्या 5 थी। भोपाल में डेंगू फैलने के कारण जिला मलेरिया कार्यालय दफ्तर से संबद्ध कर्मचारियों की छुटि्टयां निरस्त कर दी गई है। ताकि डेंगू के हॉट स्पॉट एरिया में फीवर सर्वे, लार्वा सर्वे और फॉगिंग बढ़ाकर बीमारी के बढ़ते संक्रमण को समय रहते नियंत्रित किया जा सके।
मलेरिया विभाग के फर्जी सर्वे की पोल खुली
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार मलेरिया विभाग पिछले 3 महीने से भोपाल में डेंगू मच्छरों को पनपना से रोकने के लिए अभियान चला रहा है। स्वाभाविक तौर पर इसके लिए बजट खर्च किया गया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से मलेरिया विभाग के फर्जी सर्वे की पोल खुल गई है। यदि सचमुच सर्वे हुआ होता तो स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती। पिछले दिनों एक शिकायत आई थी कि मलेरिया विभाग की टीम ने सर्वे के नाम पर लोगों के घरों में घुसकर इन्वेस्टिगेशन किया और कार्रवाई करने की धमकी देकर रिश्वत वसूली की कोशिश की। पीड़ित समिति ने इसकी जानकारी पत्रकारों को तो दी थी परंतु भोपाल कलेक्टर से विधिवत शिकायत नहीं की थी। इसलिए सीसीटीवी वीडियो होने के बावजूद समाचार प्रसारित नहीं किया गया था।
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