National Green Tribunal, Bhopal (राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, भोपाल) ने पिछले दिनों एक आदेश जारी करके भोपाल के तालाब में क्रूज बोट और मोटरबोट के संचालक पर रोक लगा दी थी। कुछ प्रशासनिक अधिकारियों ने इस फैसले को हानिकारक बताया था परंतु इसके बड़े अच्छे परिणाम सामने आए हैं। लोगों के मनोरंजन का साधन बंद हुआ तो उन्होंने अध्ययन शुरू कर दिया। अब लोग राष्ट्रीय मानव संग्रहालय आ रहे हैं, जहां सिर्फ खड़े रहने से ही कुछ नहीं जानकारियां मिल जाती है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के जनसंपर्क अधिकारी डा अशोक शर्मा ने बताया कि पहले जहां प्रतिदिन 300 सैलानी मानव संग्रहालय का भ्रमण करने आते थे, एक महीने से उनकी संख्या 400 के आसपास हो गई है। प्रतिदिन 100 लोगों की बढ़त है। इसी प्रकार वन विहार के सहायक संचालक सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि अभी मासिक रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन पर्यटकों की संख्या में बढ़त देखने को मिल रही है।
पैडल बोट संचालकों की लॉटरी लग गई
मोटर बोट और क्रूज के कारण पैडल बोट की डिमांड लगभग खत्म हो गई थी। केवल वही लोग पैडल बोट लेते थे जो या तो पैडल बोट को व्यक्तिगत तौर पर पसंद करते थे या फिर उनके पास लाइन में लगने का समय नहीं था। अब भोपाल के तालाब में केवल पैडल बोट है। क्रूज और मोटर बोट के कारण पैडल बोट वालों का धंधा बंद हो गया था परंतु अब एनजीटी के आदेश के बाद उनकी लॉटरी लग गई।
पर्यटन विभाग पत्रकारों से मदद मांग रहा है
पर्यटन विभाग के अधिकारी अपने मित्र पत्रकारों से मदद मांग रहे हैं। मध्य प्रदेश पर्यटन निगम के अधिकारी चाहते हैं कि, मोटर बोट और क्रूज के समर्थन में एक माहौल बनाया जाए। कुछ इस तरीके समाचार प्रकाशित हो जिससे जनता का समर्थन मिले और उसके आधार पर अपील आदि की कार्रवाई की जा सके। इसके पीछे उनके व्यक्तिगत लाभ, कारण हो सकते हैं परंतु जनता को बताने के लिए यह जानकारी दी गई है कि, पर्यटन विभाग द्वारा तालाब में एक क्रूज, एक डाल्फिन बोट और पांच मोटर बोट्स का संचालन किया जा रहा था। इससे शासन को हर दिन औसतन एक लाख रुपए की आय तो होती ही थी, साथ ही छोटे-मोटे व्यापारियों का रोजगार भी चल रहा था, जो काफी प्रभावित हुआ है। यहां आने वाले पर्यटक लगे हाथ वन विहार राष्ट्रीय उद्यान और मानव संग्रहालय का भी भ्रमण करते थे।
मानव संग्रहालय वालों के पास इस प्रकार का अभियान चलाने के लिए कोई संसाधन ही नहीं है। एक तरफ पर्यटन विकास निगम के लग्जरी होटल और सुविधाएं, दूसरी तरफ राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में केवल ज्ञान का भंडार है। इसलिए मानव संग्रहालय के पक्ष में ना तो कोई रिपोर्ट प्रकाशित हो रही है नहीं टीवी पर यहां आने वाले लोगों के बयान दिखाए जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से लगातार बोट क्लब पर आने वाले "झूम बराबर झूम" पर्यटकों के बयान प्रमुखता से प्रकाशित और प्रसारित किया जा रहे हैं।
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