Rajiv Gandhi praudyogiki Vishwavidyalay Bhopal, इंजीनियरिंग के इनोवेशंस के लिए नहीं बल्कि फिल्मी स्टाइल में गुंडागर्दी के लिए बदनाम होने लगा है। गैंगवार की खबरों के बीच एक नया वीडियो सामने आया है। 25 जूनियर स्टूडेंट्स को पीछे हाथ बांधकर के लाइन में बिल्कुल वैसा खड़ा किया गया है जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के अपराधी संगठन सामूहिक नरसंहार से पहले बंधकों को करते हैं।
वार्डन ने कहा रैगिंग नहीं मीटिंग है
यह फोटोग्राफ एचडी क्वालिटी में नहीं है परंतु बेहद महत्वपूर्ण है। पीड़ित विद्यार्थियों ने यह फोटो कुलपति तक पहुंचा है। यह फोटो चंद्रशेखर हॉस्टल का है। फोटो में साफ दिखाई दे रहा है कि आधी रात के समय विद्यार्थियों को लाइन से खड़ा किया गया। कोई भी बता सकता है कि यह सामूहिक रैगिंग का मामला है परंतु वार्डन डॉक्टर भूपेंद्र सिंह का कहना है कि, मैंने जांच करवा ली है। यह छात्रों की मीटिंग का फोटो है। इसमें वह लोग अस्पताल की मैच कमेटी और साफ सफाई को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
कितनी अजीब बात है। विद्यार्थी कह रहे हैं कि हमारी रैगिंग हुई है लेकिन वार्डन कह रहे हैं तुम्हारी मीटिंग हुई है।यूआईटी डायरेक्टर सुधीर भदोरिया के पास, कोई जवाब नहीं है। हमेशा की तरह इस बार भी उनका बयान सामने आया है कि जांच करवा कर कार्रवाई की जाएगी।
RGPV BHOPAL - 1 साल में 20 अपराधी घटनाएं, यूनिवर्सिटी है या गुंडो का अड्डा
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल में पिछले 1 साल में 20 आपराधिक घटनाएं हुई। इनमें से 10 चोरी, 5 लूट, 3 मारपीट और 2 यौन उत्पीड़न की घटनाएं शामिल हैं। यहां विद्यार्थियों के मोबाइल फोन चोरी होना आम बात है। हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों के साथ मारपीट और लूट की घटनाएं भी हर सुबह शाम होती रहती हैं। छात्राओं के यौन उत्पीड़न के दो मामले दर्ज हुए हैं। सब जानते हैं कि यूनिवर्सिटी कैंपस में एक मामला दर्ज होने का मतलब होता है उसके पीछे कम से कम 100 घटनाओं का होना।
✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। ✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें। ✔ यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।