Rajiv Gandhi proudyogiki Vishwavidyalay, bhopal के छात्रावास में भेल गैंग की दहशत दौड़ रही है। आलम यह है कि इस गैंग के गुंडो को हॉस्टल का सिक्योरिटी गार्ड भी नहीं रोकता। आरजीपीवी के मैनेजमेंट को आज तक इस गैंग के सरगना का नाम तक नहीं पता। इस गैंग की दहशत के कारण कुलपति से लेकर वार्डन तक कोई भी कैंपस में नहीं रहता।
भेल गैंग का सरगना कौन है, जिससे कुलपति भी डरते हैं
भेल गैंग के गुंडे जब चाहे हॉस्टल में आते हैं। हॉस्टल के कमरों में रुकते हैं। हॉस्टल में रहने वाले बाहरी विद्यार्थियों से चौथ वसूली करते हैं। रैगिंग तो यहां पर आम बात है। सूरज ढलते ही माहौल बदल जाता है। इनकी दहशत को देखते हुए कुछ और गैंग भी पनपने लगी है। सिक्योरिटी इंचार्ज सबूर खान का एक बयान सामने आया है। उनका कहना है कि हर हॉस्टल में एक गार्ड तैनात है लेकिन वह किसी को रोकने का काम नहीं करता। जब भी कुछ होता है अधिकारियों को सूचित कर दिया जाता है। यदि स्थिति बढ़ जाती है तो पुलिस को जानकारी दी जाती है।
RGPV BHOPAL- हॉस्टलों में अंडरवर्ल्ड जैसा माहौल
भोपाल स्थित राजीव गांधी इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी में माहौल काफी कुछ अंडरवर्ल्ड जैसा है। हर रोज 5-10 स्टूडेंट के साथ में मारपीट होती है। इसकी कहीं कोई शिकायत नहीं की जाती। स्टूडेंट के कई गिरोह बन गए हैं। अक्सर गैंगवार हो जाती है। कैंपस में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। पेरेंट्स और पब्लिक को तो तब पता चलता है जब बात हद से ज्यादा बढ़ जाती है। इस सबका एकमात्र कारण यह है कि यूनिवर्सिटी के कुलपति से लेकर हॉस्टल के वार्डन तक, कोई भी कैंपस में नहीं रहता। यानी मैनेजमेंट ने सभी हॉस्टल को लावारिस छोड़ दिया है। जो स्टूडेंट ताकतवर है, उसका राज चल रहा है। अब तक किडनैपिंग के मामले सामने आए हैं लेकिन कोई बड़ी बात नहीं कि जल्द ही आईपीसी की धारा 307 और 302 के मामले भी दर्ज होंगे।
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