Why Indian Constitution Day celebrated on 26 November
26 नवंबर का दिन भारतीय संविधान दिवस (Indian Constitution Day) के रूप में मनाया जाता है जबकि भारत का संविधान 26 जनवरी को लागू हुआ था। क्या आप जानते हैं कि 26 जनवरी से ठीक 2 महीने पहले 26 नवंबर को भारतीय संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है।
भारत के संविधान से संबंधित रोचक बातें
भारतीय संविधान के विकास की यात्रा बड़ी ही लंबी है जोकि 1757 ई. की प्लासी की लड़ाई से शुरू होती है। 1764 ई .के बक्सर के युद्ध को अंग्रेजों द्वारा जीत लिए जाने के बाद बंगाल पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने शासन का शिकंजा कसा और इसी शासन को अपने अनुकूल बनाए रखने के लिए समय-समय पर कई एक्ट पारित किए गए जो कि भारतीय संविधान के विकास की सीढ़ियां बनीं।
आजादी से पहले भारत में लागू किए गए कानून
- 1773 ई. का रेगुलेटिंग एक्ट
- 1784 ई. एक्ट ऑफ सेटलमेंट
- 1793 ई. का चार्टर अधिनियम
- 1813 ई. का चार्टर अधिनियम
- 1833 ई. का चार्टर अधिनियम
- 1853 ई. का चार्टर अधिनियम
- 1858 ई. का भारत शासन अधिनियम
- 1861 ई. का भारत परिषद अधिनियम
- 1873 ई. का अधिनियम
- 1892 ई. का भारत परिषद अधिनियम
- 1909 ई. का भारत परिषद अधिनियम ( मार्ले -मिंटो सुधार)
- 1919 ई. का भारत शासन अधिनियम
- 1935 ई. का भारत शासन अधिनियम
- 1942 ई. क्रिप्स योजना के अंतर्गत संविधान सभा के गठन की घोषणा की गई।
- 1947 ई. का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम
इन लगभग 15 सीढियों से होते हुए भारतीय संविधान ने अपना सफर तय किया और 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान को लागू किया गया। पूरे संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया परंतु 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हो गया था। 26 नवम्बर 2015 को पहली बार भारत सरकार द्वारा संविधान दिवस सम्पूर्ण भारत में मनाया गया तथा 26 नवम्बर 2015 से प्रत्येक वर्ष सम्पूर्ण भारत में संविधान दिवस मनाया जा रहा है। इससे पहले इसे राष्ट्रिय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था।
इस दिन संविधान निर्माण समिति के वरिष्ठ सदस्य डॉ सर हरीसिंह गौर का जन्मदिवस भी होता है। मध्य प्रदेश के सागर जिले में डॉ सर हरीसिंह गौर के नाम से एक विश्वविद्यालय भी है जिसे सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त है। आजादी से पहले इसे सागर विश्वविद्यालय कहा जाता था।