मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कोलार क्षेत्र में स्थित एक्सिस बैंक की ब्रांच में एक रिटायर्ड कर्मचारियों के साथ 18 लाख रुपए की ठगी कर ली गई। सेवानिवृत कर्मचारियों ने म्युचुअल फंड एवं अन्य योजनाओं में निवेश करने के लिए 18 लाख रुपए दिए थे परंतु, यह धनराशिनिवेश नहीं की गई बल्कि दो प्राइवेट खातों में ट्रांसफर कर दी गई। अब तक की कहानी से अनुमान लगाया जा रहा है कि ब्रांच मैनेजर शिकार की तलाश करता था और डिप्टी मैनेजर शिकार करता था। पुलिस ने डिप्टी मैनेजर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है जबकि ब्रांच मैनेजर की भूमिका की जांच की जा रही है।
AXIS BANK KOLAR - खाताधारक को सामने देखते ही ठगी का जाल फेंक दिया
कोलार थाने के एएसआइ मनोज शर्मा ने बताया कि सागर प्रीमियम टावर निवासी रमेश चौधरी (77 वर्ष) कुरुक्षेत्र, हरियाणा से सेवानिवृत्त हुए हैं। मई 2022 में वह भोपाल में शिफ्ट हुए थे। उनका हरियाणा के एक्सिस बैंक में खाता था, जिसे कोलार स्थित एक्सिस बैंक शाखा में ट्रांसफर करवाने के लिए वह तत्कालीन बैंक मैनेजर कमलेश कुमार मंचानी से मिले थे। उन्होंने उन्हें बैंक में डिप्टी मैनेजर के तौर पर कार्यरत आशीष भदौरिया पिता स्व श्यामवीर सिंह भदौरिया निवासी ऋषि सिटी, ईस्ट ऋषिपुरम फेस 1 से मिलवाया था। आशीष ने उनसे से कहा कि उनका बैंक खाता हरियाणा ट्रांसफर होने में समय लग जाएगा, वह उनका दूसरा बैंक खाता खुलवा देता है।
AXIS BANK INVESTMENT SCHEME के नाम पर 18 लाख रुपए ले लिए
इसके बाद वह नियमित रूप से उनके संपर्क में रहा और उनका भरोसा जीत लिया। उसने इसी भरोसे का फायदा उठाकर उनको बैंक में निवेश संबंधी विभिन्न योजनाओं के बारे में बताते हुए मोटे मुनाफे का लालच दिया। वह उसकी बातों में आ गए और उन्होंने नौ- नौ लाख रुपये के दो चेक अक्टूबर 2022 में उसे निवेश के लिए दे दिए। इसके बाद वह जब भी आशीष से पूछते कि उन्होंने इन रुपयों को कहां निवेश किया, तो गोलमोल जवाब देते हुए गुमराह करने लगा। जब उन्होंने बैंक में जाकर पता किया तो पाया कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। उनके नाम से बैंक में कोई निवेश नहीं था, बल्कि उन्होंने 09-09 लाख रुपये के जो दो चेक दिए थे, वह राशि राजीव कुमार सिन्हा और शकुंतला सिन्हा के नाम से दो डीडी बनाकर उनके खाते से निकालकर हड़प कर ली गई।
ब्रांच मैनेजर ने पुलिस के पास जाने से रोका
इस बारे में जब उन्होंने बैंक मैनेजर रजनीश त्रिपाठी से शिकायत की तो उन्होंने पुलिस में शिकायत करने से रोकने का प्रयास किया और कहा कि वह पूरी राशि वापस करवा देंगे। लेकिन वह नहीं माने और पूरे मामले की थाने में शिकायत की। पुलिस ने जांच के बाद आशीष भदौरिया के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। पुलिस आरोपित की तलाश कर रही है।
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