भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं भोपाल के कलेक्टर श्री आशीष सिंह शहर को प्रदूषण से मुक्ति के मामले में फर्स्ट वीकली टेस्ट में फेल हो गए हैं। कमिश्नर ने फ्री हैंड दिया था लेकिन कलेक्टर ने कड़े कदम नहीं उठाए। पिछले 5 दिनों में भोपाल का प्रदूषण एक अंक भी कम नहीं हुआ।
भोपाल शहर में प्रदूषण के ताजा आंकड़े
शुक्रवार की रात 9:00 बजे की स्थिति में भोपाल शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में 300 से अधिक प्रदूषण स्तर (AQI) दर्ज किया गया है। इनमें सबसे अधिक पर्यावरण परिसर क्षेत्र में 361 एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) दर्ज किया गया है।
शहर के इन क्षेत्रों में रहा सबसे अधिक एआइक्यू
- पर्यावरण परिसर - 361
- कलेक्ट्रेट कार्यालय - 306
- टीटीनगर - 312
(नोट - आंकड़े शुक्रवार रात नौ बजे के हैं।)
प्रदूषण से निपटने के लिए कलेक्टर ने अब तक क्या-क्या किया
भोपाल में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता चला जा रहा था, लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी और कलेक्टर इस मामले में कोई कदम नहीं उठा रहे थे। दिनांक 20 नवंबर 2023 को कमिश्नर डॉ पवन शर्मा ने भोपाल में प्रदूषण के मामले मेंएक मीटिंग बुलाई और इसमें कलेक्टर श्री आशीष सिंह को प्रदूषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए फ्री हैंड दे दिया था। कमिश्नर ने यहां तक कह दिया था कि प्रदूषण पर तत्काल नियंत्रण करने के लिए कलेक्टर चाहे तो धारा 144 तक का प्रयोग कर सकते हैं। इसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह भोपाल की सड़कों पर निकले और प्रदूषण के साथ सेल्फी खिंचवाई। एक बड़ी सी मीटिंग बुलाई गई और फिर एक स्कीम लॉन्च की गई जिसमें पेट्रोल पंप संचालकों से कहा गया कि यदि कोई फुल टैंक पेट्रोल भरवाता है तो उसे PUC सर्टिफिकेट फ्री में दिया जाए। कुल मिलाकर हेडलाइंस के लिए सब कुछ किया जा रहा है परंतु प्रदूषण को खत्म करने के लिए कोई सख्त फैसला नहीं लिया गया है। नतीजा प्रदूषण भी अकड़ कर बैठा हुआ है और कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
आपदा में अवसर की तलाश
वहीं दूसरी तरफ भोपाल में सरकारी तंत्र से जुड़े हुए कुछ कारोबारी और ठेकेदार आपदा में अवसर की तलाश कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि प्रदूषण नियंत्रण के नाम परउनका कोई काम मिल जाए, कहीं से कोई बजट मिल जाए, किसी का कोई वहां किसी की कोई मशीन बिक जाए। कोई कह रहा है किलोकल सिटी वाहनों के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है तो कोई कह रहा है कि शहर में उड़ती धूल के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। कलेक्टर ने कंस्ट्रक्शन साइट के लिए गाइडलाइन जारी की थी परंतु उसका पालन करवाने के लिए कोई नहीं जा रहा है। सारी गाइडलाइन भोपाल समाचार में छपकर रह गई है।
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