मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारत की राजधानी दिल्ली की तरह प्रदूषण वाले प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। भोपाल संभाग के कमिश्नर डॉक्टर पवन शर्मा ने भोपाल जिले के कलेक्टर श्री आशीष सिंह को फ्री हैंड दे दिया है। भोपाल में किसी भी समय धारा 144 लगाई जा सकती है। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जा सकती हैं।
भोपाल प्रदूषण निवारण मंडल की बैठक
कमिश्नर भोपाल संभाग डॉ. पवन शर्मा ने भोपाल नगर में बढ़ते प्रदूषण और दूषित हवा को सामान्य स्तर पर लाने के लए कलेक्टर तथा आयुक्त नगर निगम भोपाल को तत्काल पहल करने के निर्देश दिए हैं। डॉ. शर्मा ने सोमवार को प्रदूषण निवारण मंडल और निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर श्री आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री फ्रेंक नोबल ए उपस्थित थे।
प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का भोपाल में प्रवेश प्रतिबंधित होगा
बैठक में बताया गया कि मंगलवार को जिला प्रशासन एक बैठक में दूषित वायु के स्तर को सुधारने के लिए संबंधितों की बैठक में त्वरित कार्य योजना बनाकर तत्काल अमल भी प्रारंभ करेगा। कमिश्नर डॉ. शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगर में पीयूसी की संख्या बढ़ाई जाए और भोपाल की सभी सीमाओं से गुजरने वाले वाहनों के प्रदूषण स्तर की जांच अनिवार्यत: की जाए। उन्होंने सभी पेट्रोल पंप पर पीयूसी संचालित करने के लिए भी कहा है।
भोपाल में कंस्ट्रक्शन पर धारा 144 लागू होगी
कमिश्नर डॉ. शर्मा ने निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि धूलकण हवा में नहीं जाने से रोकने के लिए हरी नेट लगाने के साथ ही मानक बनाए रखने के लिए समय-समय पर पानी का छिड़काव भी किया जाए। उन्होंने सभी तरह के ईधन से होने वाले धुएं के स्त्रोत का पता लगाने और इधर-उधर कचरा जलाना तत्काल प्रतिबंधित करने के लिए भी कहा है।
भोपाल में कचरा जलाने पर मनाही
कमिश्नर डॉ. शर्मा ने कलेक्टर भोपाल से कहा है कि धारा 144 के तहत भी प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर एक्यूआई सुधारा जाए। उन्होंने नगर में चल रहे सभी बड़े निर्माण कार्यों का तत्काल निरीक्षण करने और निर्माण कार्यों में अपनाए जाने वाले पर्यावरण मानकों का पालन कराने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की है कि वे वेबजह कचरे में आग न लगाएं और आवश्यक निर्माण कार्य भी सभी तरह की सावधानियों के साथ करें। उन्होंने पराली जलाने के मामलों को भी संज्ञान में लेने और किसानों को जागरूक करने के साथ ही आवश्यक होने पर कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए हैं।
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