मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जंगलों में जन्मे चार टाइगरों में से एक ने केरवा के उस इलाके को अपनी टेरिटरी घोषित कर दिया है जिसमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह राहुल का घर बना हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह द्वारा बनवाए गए इस घर को केरवा कोठी कहा जाता है।
सरकार ने जंगल पर कब्जा करके कॉलोनी बना दी
SDO आरएस भदौरिया के अनुसार रेसिडेंशियल टाइग्रेस-123 के चार शावक हैं। इनकी उम्र 1 साल हो गई है। शावक अपनी मां के साथ अक्सर चंदनपुरा, मेंडोरा-मेंडोरी में घूमते हुए आते हैं, लेकिन अब इन्हीं चार में से एक शावक का मूवमेंट केरवा डैम के पास उस इलाके में देखने को मिला है जहां इंसानों की सरकार ने जंगल पर अतिक्रमण करके उसे रेजिडेंशियल घोषित कर दिया है। इसी इलाके में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह की केरवा कोठी बनी हुई है। जंगल के नियमों के अनुसार टाइगर ने मूवमेंट करके इस इलाके को अपनी टेरिटरी घोषित कर दिया है। यानी जंगल के इस इलाके का राजा अब यह टाइगर हो गया है और पूरा जंगल उसकी संपत्ति है। मूवमेंट करके उसने सभी इंसानों को यह सूचना दे दी है कि, यह जंगल अब उसकी संपत्ति है और इंसान यहां से जंगल खाली करके चले जाए। यह नोटिस पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह राहुल के लिए भी है फिर चाहे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार ही क्यों न बन रही हो।
भोपाल का जंगल कितना बड़ा है
भोपाल से लगा जंगल 437 वर्ग किमी में फैला हुआ है। 150 वर्ग किमी जंगल ही घना और बाघों की बसाहट के लिए अनुकूल है। बाकी का जंगल पथरीला और टुकड़ों में है। साल 2018 की गणना में यहां 18 बाघों की मौजूदगी दर्ज हुई थी। इस बार भी बाघों का अच्छा मूवमेंट सामने आया है।
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