मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की हवा जहरीली हो गई। मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सेंट्रल बेंच तक पहुंच गया। स्थिति की गंभीरता का अनुमान केवल इस बात से लगाया जा सकता है कि सेंट्रल बेंच ने मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को तलब कर लिया है। यह सब कुछ विधानसभा चुनाव में फायदे के लिए कोलार में बनाई जा रही सिक्स लेन सड़क के कारण है। यह निर्माण कार्य बिना किसी प्लानिंग के संचालित किया जा रहा है।
कोलार के चुनावी विकास के कारण भोपाल में प्रदूषण
बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को तलब करने की वजह में एनजीटी में भोपाल में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर दायर की गई याचिकाएं हैं। हाल ही में एन्वायारमेंट एक्टीविस्ट नितिन सक्सेना द्वारा एनजीटी में दायर पत्र याचिका है। जिसमें बताया गया है कि कोलार में सिक्स लेन निर्माण की वजह ये यहां वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर से भी आगे निकल गया है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्ट (एक्यूआई) औसतन 250 से ज्यादा दर्ज हो रहा है।लिहाजा एनजीटी की सेंट्रल बेंच ने मध्य प्रदेश सहित कई प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तलब कर लिया है।
कोलार सिक्स लेन सड़क निर्माण मामले में जवाब किया तलब
गौरतलब है कि एक हफ्ते पहले ही एनजीटी ने कोलार रेस्ट हाउस से गोल जोड़ तक बनाई जा रही 15 किमी लंबी सिक्स लेन रोड निर्माण में बरती जा रही लापरवाही की वजह से बढ़ते वायु प्रदूषण पर जिम्मेदार महकमों से जवाब तलब किया है।
दरअसल सड़क निर्माण ने स्थानीय रहवासियों की सेहत खराब कर दी है। लोग फेफड़ों और सांस संबंधी बीमारियों की गिरफ्त में आ गए हैं। क्योंकि निर्माण के दौरान उड़ने वाली धूल की वजह से प्रदूषण खतरनाक स्तर से भी आगे निकल चुका है।
यहां पिछले करीब पांच महीने से पीएम-10 की वेल्यू 250 से 270 और कभी-कभी इससे भी ज्यादा रिकार्ड हो रही है। इतने प्रदूषण में रोजाना पांच से दस मिनट रुकने वाला इंसान भी फेफड़ों और सांस संबंधी बीमारी की चपेट में आ सकता है। जबकि आसपास की आबादी इस प्रदूषण भरे माहौल में 24 घंटे रहती है।
क्या है एनजीटी का आदेश
पत्र याचिका लगाने वाले एन्वायारमेंट एक्टीविस्ट नितिन सक्सेना ने बताया कि एनजीटी ने राजधानी भोपाल सहित देश भर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर अब एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच भी गंभीर है। एनजीटी चेयर पर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, ज्यूडीशियल मेंबर सुधीर अग्रवाल और एक्सपर्ट मेंबर डॉ. सेंथिल वेल ने कई राज्यों सहित मध्य प्रदेश की भोपाल के पुअर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) पर चिंता जताते हुए सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी को तलब किया है।
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि इस मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों को पूरी गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। क्योंकि वायू गुणवत्ता में गिरावट का आम जनता विशेषकर शिशुओं और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
इस प्रकार हम उन राज्यों के सभी मुख्य सचिवों को निर्देश देते हैं जहां शहरों का एक्यूआई गिर गया है या गंभीर, बहुत खराब और खराब बना हुआ है। वे सभी संभव उपाय करें और सुनिश्चित करें कि शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार हो।
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