दुनिया के कई देश आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं लेकिन भारत में आर्थिक विकास तेजी से हो रहा है। विश्व स्तर पर भारत मालामाल हो गया है। भारत के सरकारी खजाने में अकूत विदेशी मुद्रा और स्वर्ण भंडार भरे हुए हैं। 27 अक्टूबर की स्थिति में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 586.11 अरब डॉलर और स्वर्ण भंडार 45.92 अरब का हो गया है। भारतीय नागरिकों के लिए दीपावली से पहले यह बहुत बड़ी गुड न्यूज़ है।
भारतीय खजाने में एक सप्ताह में 2.58 अरब डॉलर की वृद्धि
विदेशी मुद्रा के मामले में भारत के खजाने में एक सप्ताह के भीतर उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दिनांक 6 अक्टूबर को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 584.74 अरब डॉलर रह गया था। इसमें 14.166 अरब डॉलर की कमी आई थी लेकिन अक्टूबर का महीना खत्म होने से पहले रिकवरी शुरू हो गई है। सन 2021 में इसी अक्टूबर के महीने में भारत के पास 645 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था परंतु वैश्विक घटनाक्रम के कारण भारत की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ता चला गया और इस कंट्रोल करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में से काफी धन खर्च करना पड़ा परंतु दीपावली से पहले भारत में लक्ष्मी के आगमन की पदचाप सुनाई देने लगी है।
भारत के स्वर्ण भंडार में 49.9 करोड डॉलर की वृद्धि
भारत के सरकारी खजाने में स्वर्ण भंडार में भी वृद्धि हुई है। यह वृद्धि 49.9 करोड डॉलर की है। 27 अक्टूबर 2023 की स्थिति में भारत सरकार के पास 45.92 अरब डॉलर का स्वर्ण भंडार मौजूद है। इस स्थिति तक पहुंचाने के लिए भारत सरकार और रिजर्व बैंक ने काफी प्रयास किए हैं। पिछले कुछ दिनों में बैंक के फिक्स डिपॉजिट में जो ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई थी, उसका लक्ष्य महंगाई पर नियंत्रण करना था और यह प्रयास सफल रहा। किसी भी देश की सरकारी खजाने में विदेशी मुद्रा और स्वर्ण भंडार के बढ़ने से उसे देश की मुद्रा ताकतवर होती है। दूसरे देशों की तुलना में भारतीय मुद्रा रुपए की कीमत बढ़ जाएगी।
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