IPC 212 - एक ऐसी धारा जिसके तहत मददगार व्यक्ति को जेल में डाल दिया जाता है

Bhopal Samachar

Legal general knowledge and law study notes

किसी की मदद करना, निराश्रित को आश्रय देना भारतीय संस्कृति में पुण्य कर्म माना गया है। कहते हैं ऐसे मददगार व्यक्ति की भगवान रक्षा करते हैं। भारत सरकार भी ऐसे व्यक्तियों की प्रशंसा करती है परंतु मदद के कुछ काम ऐसे होते हैं, जिन्हें भारतीय दंड संहिता में अपराध घोषित किया गया है। इस प्रकार की मदद करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। आईए जानते हैं ऐसे मददगार व्यक्ति के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है:-

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 212 की परिभाषा 

न्यायालय में दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश महोदय द्वारा आरोपी को दोष मुक्त अथवा अपराधी घोषित किया जाता है। ऐसे व्यक्ति को यदि कोई अपने यहां आश्रय देता है। उसे छुपाने का स्थान प्रदान करता है अथवा उसे गिरफ्तारी से बचने के लिए उसकी मदद करता है तो, इस प्रकार की मदद को अपराध की श्रेणी में माना जाता है। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 212 के अंतर्गत मामला दर्ज किया जाता है और न्यायालय द्वारा दंडित किया जाता है।

Indian Penal Code, 1860 section 210 Punishment

इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस धारा के अपराध के दण्ड को निम्न भागों में बांटा गया है:-
1. अगर कोई व्यक्ति मृत्यु दण्ड से दण्डित अपराधी को छिपाता है तो उसे पांच वर्ष की कारावास और जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
2. अगर कोई व्यक्ति आजीवन कारावास या दस वर्ष तक के दंड से दण्डित अपराधी को आश्रय देता है तो उसे अधिकतम तीन वर्ष के कारावास और जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
3. अगर अपराधी का अपराध एक वर्ष की कारावास से अधिकतम दस वर्ष से कम कारावास का है और उसे आश्रय दिया जाता है तो उसे अपराध की अधिकतम सजा के एक चौथाई दण्ड से दण्डित किया जाएगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!