Legal general knowledge and law study notes
आरोपी को आश्रय देने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 212 के अंतर्गत अपराध होता है वहीं किसी अपराध के दोषसिद्ध अपराधी को आश्रय देने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 216 के अंतर्गत मामला दर्ज होता है लेकिन किसी डाकू या लुटेरे को छिपाने पर एक नई धारा के अंतर्गत मामला दर्ज होता है जानिए।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 216(क) की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति यह जानते हुए किसी डाकू या लुटेरे को कहीं छुपाएंगा ,आश्रय देगा, जो या तो लूट,डकैती करने वाला हो या कर चुका हो तब वह व्यक्ति भारतीय दण्ड संहिता की धारा 216 क के अंतर्गत दोषी होगा।
Indian Penal Code, 1860 section 216a Punishment
इस धारा के अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं इनकी सुनवाई प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है सजा:- इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम सात वर्ष की कारावास और जुर्माना दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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