IPC 217 - अपराधी को बचाने, दंडादेश को दबाने वाले अधिकारी के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी

Bhopal Samachar
जब कोई लोक सेवक किसी कार्यालयीन कर्तव्य का पालन नहीं करता है, उच्च अधिकारी द्वारा किसी को दण्डित करने का आदेश दिया गया है और निम्न श्रेणी का अधिकारी उस आदेश को दबा लेता है। किसी व्यक्ति की जमीन पर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया हो लेकिन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई न की जाए। इस प्रकार आदेश की अवज्ञा करना भारतीय दंड संहिता के तहत एक अपराध है। जानिए इस प्रकार की अपराध के लिए, किस धारा के तहत कितनी सजा का प्रावधान है।

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 217 की परिभाषा

जो कोई लोकसेवक किसी व्यक्ति को दण्ड से बचाने के लिए, किसी व्यक्ति की संपत्ति के समपहरण से बचाने के लिए विधिपूर्वक आदेश की अवज्ञा करेगा, दण्डित व्यक्ति को बचाएगा तब वह लोक सेवक भारतीय दण्ड संहिता की धारा 217 के अंतर्गत दोषी होगा।

Indian Penal Code, 1860 section 217 Punishment

इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है सजा:- इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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