Legal general knowledge and law study notes
किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करके तब ही रखा जा सकता है जब न्यायालय किसी गंभीर अपराध में पूछताछ करने की आज्ञा देता है। एक पुलिस अधिकारी बिना न्यायालय की अनुमति के किसी भी आरोपी व्यक्ति को परिरोध करके नहीं रख सकता है, न ही गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तार कर सकता है। अगर कोई पुलिस अधिकारी ऐसा करता है तो उसके खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई होगी जानिए।भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 220 की परिभाषा
जो कोई लोक सेवक किसी पद पर होते हुए किसी व्यक्ति को भ्रष्टाचार पूर्वक या द्वेषपूर्ण भावना रखते हुए विचारण के समय तक या गैर कानूनी रूप से गिरफ्तार करके परिरोध करके रखेगा, वह लोक सेवक भारतीय दण्ड संहिता की धारा 220 के अंतर्गत दोषी होगा।
Indian Penal Code, 1860 section 220 Punishment
इस धारा के अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं इनकी सुनवाई प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है सजा:- इस धारा के अपराध के लिए अधिकतम सात वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com