Legal general knowledge and law study notes
ललित यादव बनाम छत्तीसगढ़ राज्य- मामले मे सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी न्यायालयों से एक विशेष अनुरोध किया गया है कि उन्हें यह प्रयास करना चाहिए कि वह बलात्कार की पीड़िता महिला की पहचान किसी भी दशा में उजागर न करे क्योंकि इससे उनको बहुत आहत होता है। इसी बात को दोहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण जजमेंट में बलात्कार से पीड़ित महिलाओं के लिए प्रशासन के क्या कर्तव्य है उनको भी बताया है जानिए-:
▪︎दिल्ली डेमोक्रेटिक वर्किंग वुमन्स फोरम बनाम भारत संघ एवं अन्य-
उक्त वाद में उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार की शिकार हुई महिलाओं को सामाजिक लाछन से बचाने के उद्देश्य से निम्न मार्गदर्शन प्रतिपादित किए...
1. पीड़ित महिला को पुलिस थाने, न्यायालय या मेडिकल टेस्ट के लिए अस्पताल पहुचाने के लिए प्रत्येक चरण विधिक प्रतिनिधि तथा विधिक सहायता उपलब्ध कारवाई जाए।
2. पुलिस का कर्तव्य है कि वह पीड़िता को विधिक प्रतिनिधि उपलब्ध करवाये एवं उसे सार्वजनिक प्रकटन, मीडिया आदि से दूर रहने का अधिकार प्राप्त है।
3. पुलिस के आवेदन पर पीड़िता को न्यायालय द्वारा अधिवक्ता की नियुक्ति की जानी चाहिए।
4. संपूर्ण विचारण - कार्यवाही के दौरान पीड़िता की पहचान गोपनीय रखी जाना चाहिए।
5. पीड़िता को यथाशीघ्र आपराधिक क्षति प्रतिकर बोर्ड द्वारा उचित क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाना चाहिए। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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