मध्य प्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त द्वारा शिक्षकों के अभ्यावेदन पर न्यायपूर्ण कार्रवाई नहीं की जाती, जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ मध्य प्रदेश में एक बार फिर यह बात साबित हो गई। माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि एजुकेशन पोर्टल अपडेट करके लिंक ओपन करें और पीड़ित महिला शिक्षक को चॉइस फिलिंग कराएं। यह प्रक्रिया 45 दिन के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।
एमपी एजुकेशन पोर्टल अपडेट नहीं था, डिपार्टमेंट ने काउंसलिंग करवा दी
श्रीमती सरोजिनी चौबे, शासकीय मनहर कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पन्ना, जिला पन्ना, में उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर पदस्थ थी/कार्यरत थी। राज्य शासन द्वारा, मध्य प्रदेश राज्य एवं अधीनस्थ शिक्षक सेवा (शाला शाखा) भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2016 में संशोधन के अनुपालन में सीनियरिटी कम मेरिट के आधार पर उच्च पद का प्रभार दिया जाना था।
चूंकि, श्रीमती चौबे, उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर कार्यरत थी एवं अगला पदोन्नति का पद व्याख्याता है, उक्तानुसार, लेक्चरर पद का प्रभार, पदस्थापना हेतु काउंसलिंग के पश्चात दिया जाना था। काउंसलिंग दिनांक को, शासकीय मनहर कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पन्ना में व्याख्याता (जीवविज्ञान) के रिक्त पद, तकनीकी त्रुटि के कारण शिक्षा पोर्टल पर अपडेट नहीं थे। दूसरे शब्दों में, मनहर कन्या में, 2 पद रिक्त होने के बावजूद, पोर्टल पर, रिक्त प्रदर्शित नहीं हो रहे थे। परिणामस्वरूप, श्रीमती चौबे, शासकीय कन्या मनहर विद्यालय में एजुकेशन पोर्टल की तकनीकी त्रुटि के कारण, रिक्त पदों का चयन ऑनलाइन चॉइस फिलिंग नहीं कर सकी।
DEO ने भी कमिश्नर DPI को पत्र लिखा लेकिन न्याय नहीं मिला
उपरोक्त संबंध में, जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना द्वारा दिनांक 15/09/2023 को आयुक्त लोक शिक्षण संस्थान को पत्र लिखकर त्रुटि की जानकारी भेजी गई थी। परंतु आयुक्त लोक शिक्षण संस्थान द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ित होकर, उच्च श्रेणी शिक्षक द्वारा, माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में WP दायर की गई थी। श्रीमती चौबे की ओर से उच्च न्यायालय जबलपुर के वकील अमित चतुर्वेदी ने सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय जबलपुर की एकल पीठ को बताया कि एजुकेशन पोर्टल की त्रुटि के कारण, याचिकाकर्ता उच्च श्रेणी शिक्षक, मनहर स्कूल में व्याख्याता के पद रिक्त होने के बाद, भी उच्च पद प्रभार प्रक्रिया में मनमाफिक शाला का चयन नही कर सकी। उक्त संबंध में, डीईओ पन्ना द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण को पत्र लिखकर जानकारी भी दी गई थी।
सुनवाई के बाद, कोर्ट ने विभाग की त्रुटि को माना एवम आदेश दिया है की एजुकेशन पोर्टल को अपडेट कर, 45 दिवस के अंदर चॉइस फिलिंग की कार्यवाही करें।
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